शंकराचार्य अधोक्षजानंद पहुंचे मडफा पर्वत, किया रुद्राभिषेक
चित्रकूट, 12 मार्च (हि.स.)। द्वादश ज्योतिर्लिंग और 52 शक्तिपीठ दर्शन के क्रम में अखंड भारत भ्रमण के अंतर्गत गोवर्धन मठ पुरी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ तपोभूमि चित्रकूट स्थित मडफा पर्वत और भगवान शंकर का पूजन अर्चन किया।
शंकराचार्य देवतीर्थ पैदल यात्रा कर पर्वत के ऊपर मडफा किला में विराजमान सतयुगीन अद्भुत शक्ति सम्पन्न पंचमुखी शिवजी की मूर्ति का वैदिक विधिविधान से रुद्राभिषेक, पूजन, अर्चन, आरती किया। जगद्गुरु के साथ अखंड भारत यात्रा कर रहे विशेष शिवलिंग का भी इस अवसर पर पूजन अर्चन किया गया। बुंदेलखंड की परंपरानुसार, शादी के समय दूल्हा को पहनाया जाने वाला खजूर के पत्तियों से निर्मित विशेष मुकुट मौर शिवजी को धारण कराया गया। विशेष प्रार्थना कर क्षेत्र के कल्याण की कामना की गयी। मडफा तीर्थ की महिमा स्कंध पुराण समेत अनेक धर्म ग्रंथों में बतायी गयी है।
शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ के चित्रकूट आगमन आगमन पर जिले के ग्राणीण क्षेत्रों में भारी उत्साह देखा गया। संभ्रांत नागरिकों ने माल्यार्पण कर शंकराचार्य का स्वागत किया और भारी संख्या में मौजूद क्षेत्रीय जनता द्वारा हाथी, घोडा बैंड-बाजे और जयघोष के साथ शिव बारात निकाली गयी।
जगद्गुरु ने इस अवसर पर चित्रकूट में 51वें राष्ट्रीय रामायण मेला का उद्घाटन किया और धर्म संदेश भी दिया। कार्यक्रम में पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्र ने स्वागत भाषण दिया।
इसके बाद शंकराचार्य ने जानकीकुण्ड जाकर रघुवीर मंदिर में दर्शन किया, सद्गुरु श्री रणछोण दास जी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण किया और रुद्राभिषेक में भाग लिया। श्रीराम संस्कृत महाविद्यालय के आचार्यों ने शंकराचार्य को अंगवस्त्र भेंटकर उनका स्वागत किया। वहीं महाविद्यालय के बटुक विद्यार्थियों ने वेदमंत्रों से उनका अभिवादन किया। शंकराचार्य ने मंदाकिनी में आचमन कर कामदगिरि की परिक्रमा भी लगाई।
हिन्दुस्थान समाचार/रतन/पीएन द्विवेदी