एसजीपीजीआई को मिला सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र का पुरस्कार

 


लखनऊ,14 मार्च (हि.स.)। रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के शोध पत्र को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र का पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार नई दिल्ली में संपन्न नवगठित राष्ट्रीय रोबोटिक सर्जरी एसोसिएशन के कार्यक्रम में एसजीपीजीआई के डॉ. पलाश रावलानी के प्रस्तुत शोध पत्र को मिला।

इसके अलावा पित्ताशय की सर्जरी की जटिलताओं के बाद विकसित होने वाली सख्ती के लिए हेपेटिको-जेजुनोस्टॉमी के लिए रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में प्रोफेसर रजनीश कुमार सिंह के उल्लेखनीय काम को भी दिखाया गया। रोबोटिक सर्जरी में प्रगति पर हुए शोध और प्रशिक्षण को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से देश भर से 550 से अधिक रोबोटिक सर्जनों ने भागीदारी की।

पथरी रोग के निदान व पित्ताशय की सर्जरी के लिए बड़ी ओपन सर्जरी की जाती थी। अब एसजीपीजीआई में रोबोटिक सर्जरी की जा रही है। रोबोटिक सर्जरी से अब दर्द भी कम होता है और मरीजों भी जल्दी ठीक होते है।

रोबोटिक तकनीक पिछले 5 वर्षों से एसजीपीजीआई के पास उपलब्ध है और कई विभागों (सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, यूरोलॉजी, एंडोक्राइन सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, कार्डियक सर्जरी) द्वारा की जा रही है। सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग और अन्य विभागों द्वारा गंभीर बीमारियों के कई जटिल ऑपरेशन रोबोटिक सर्जरी द्वारा किए जा रहे हैं। एसजीपीजीआई ने पीपीपी मॉडल पर आधारित दो और सर्जिकल रोबोट की स्थापना के साथ रोबोटिक सर्जरी सेवाओं का विस्तार करने का बीड़ा उठाया है, ताकि उत्तर प्रदेश के अधिक से अधिक रोगियों का रोबोटिक सर्जरी द्वारा उपचार किया जा सके।

हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/मोहित