सीतापुर : एसडीएम -लेखपाल संघ टकराव रात भर धरने के बाद समझौते पर हुआ खत्म
सीतापुर, 4 दिसंबर (हि.स.)। एसडीएम सदर धामिनी एम. दास की कार्यशैली को लेकर भड़के लेखपालों का धरना गुरुवार को भी पूरे दिन चलता रहा। बुधवार देर शाम दो लेखपालों रमाकांत और दीपक कुमार को लंबे समय तक चैम्बर में बैठाकर काम करवाए जाने के आरोपों ने मामले को तूल दे दिया था। लेखपाल संघ ने इसे “अमानवीय व्यवहार” बताते हुए एसडीएम कार्यालय के बाहर जमकर धरना दिया, जिसे मनाने की कोशिश शहर कोतवाल अनुप शुक्ला और न्यायिक तहसीलदार अतुल सेन सिंह भी नहीं रोक सके। माहौल लगातार तनावपूर्ण बना रहा।
एसडीएम धामिनी एम. दास ने अपना रुख साफ करते हुए कहा था कि मामले में “बंधक बनाकर रखने” का आरोप बेबुनियाद है और अभियान में लगातार लापरवाही के चलते कार्रवाई करना मजबूरी थी। उनका तीखा बयान—अगर मेरा चैम्बर ही जेल है, तो मैं भी उसी जेल में बैठी हूं। काफी चर्चा में रहा।
दूसरे दिन मोर्चे पर तहसीलदार की एंट्री — वार्ता से पिघली बर्फ
गुरुवार को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लेखपाल संघ ने फिर से धरना शुरू किया। इस बार माहौल और उग्र दिख रहा था। आरोप था कि एसडीएम ने पूर्व में भी अपमानजनक भाषा व व्यवहार किया है, जिसके विरोध में संघ कार्यबहिष्कार एवं प्रदर्शन पर अडिग था।
तनाव बढ़ता देख तहसीलदार सदर गुरुवार शाम 5 बजे मौके पर पहुंचे और सभी लेखपालों की मौजूदगी में एसडीएम धामिनी एम. दास के साथ विस्तृत वार्ता कराई। करीब एक घंटे चली इस बातचीत में एसडीएम ने आश्वासन दिया कि भविष्य में किसी कर्मचारी के साथ अमानवीय व्यवहार नहीं होगा। अधिकारी व लेखपालों के समझौते के बाद गुरुवार देर शाम लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष कुलदीप रस्तोगी व सचिव अंजनी कुमार सिंह के हस्ताक्षर से जारी एक पत्र में उल्लेख किया गया है कि लेखपालों के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाएगा, किसी भी कार्रवाई से पहले प्रक्रियात्मक पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
लेखपाल संघ का धरना स्थगित लेकिन चेतावनी बरकरार
वार्ता के बाद लेखपाल संघ ने सामूहिक सहमति से घोषणा की कि एसडीएम द्वारा दिए गए आश्वासन को देखते हुए धरना अस्थायी रूप से स्थगित किया जाता है। लेकिन संघ ने स्पष्ट चेतावनी भी दी कि अगर ऐसी पुनरावृत्ति हुई, तो लेखपाल संघ कठोर निर्णय लेने को बाध्य होगा।
इस पूरे घटनाक्रम ने तहसील सदर से लेकर जिला मुख्यालय तक प्रशासनिक हलचल मचा दी है। एसआईआर अभियान की धीमी प्रगति बनाम कर्मचारियों के उत्पीड़न का यह विवाद अब बड़े स्तर की बहस का रूप ले चुका है, और सत्ता गलियारों में दोनों पक्षों की सख्त भाषा सुर्ख़ियों में है। वहीं गुरुवार की शाम हड़ताल समाप्त होने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि कल शुक्रवार से तहसील में एस आईआर के अलावा अन्य बाधित काम भी शुरू हो सकेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Mahesh Sharma