विज्ञान सीखने की ललक एवं जिज्ञासा ही वैज्ञानिक बनने की पहली सीढ़ी : प्रो.आभा त्रिपाठी

 


प्रयागराज, 03 नवम्बर (हि.स.)। कृषि महाविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.आभा त्रिपाठी ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कहा कि विज्ञान सीखने की ललक एवं जिज्ञासा ही वैज्ञानिक बनने की पहली सीढ़ी है।

वह उक्त बातें झूंसी, अंदावा में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहीं। इसके पूर्व कक्षा छठवीं से बारहवीं तक के लगभग तीन सौ विद्यार्थियों ने क्रियाशील एवं अक्रियाशील मॉडल बनाकर सभी को अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा से मंत्रमुग्ध कर दिया।

राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के रिसोर्स पर्सन एवं टैगोर पब्लिक स्कूल के वरिष्ठ रसायन शास्त्र प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विज्ञान सतत् सीखने की प्रक्रिया है, जिसे लर्निंग बाई डुंइंग के सिद्धांत से सरल बनाया जा सकता है। अध्यक्षता कर रहे डॉ. मोहम्मद मसूद ने कहा कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में इस तरह की गतिविधियों की अहम भूमिका होती है।

इसके पूर्व मुख्य अतिथि संग विशिष्ट अतिथि डॉ. मोहम्मद मसूद एवं संजय श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। विद्यालय की प्रधानाचार्या शालिनी श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर विभिन्न सामयिक समस्याओं, ग्लोबल वॉर्मिंग, पर्यावरण प्रदूषण, जल, मिट्टी एवं वायु में दिनों-दिन बढ़ता प्रदूषण एवं इसका मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाला दुष्प्रभाव, जंक फूड से युवा पीढी का बिगड़ता स्वास्थ्य, धूम्रपान से जर्जर होते फेफड़े, ऊर्जा के वैकल्पिक श्रोत आदि पर आधारित मॉडलों की प्रशंसा दर्शकों ने की।

कार्यक्रम के समापन पर विजयी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। जिसमें कनिष्ठ वर्ग के अक्रियाशील मॉडल के अंतर्गत आदित्य यादव प्रथम, अपूर्वा द्वितीय एवं खुशी यादव तृतीय तथा क्रियाशील मॉडल वर्ग में सक्षम प्रथम, श्रेया भारतीय द्वितीय व आर्यन तृतीय स्थान पर रहे। जबकि वरिष्ठ वर्ग के अक्रियाशील मॉडल में प्रज्ञा सिंह प्रथम, संस्कृति द्वितीय व प्रतिमा सिंह तृतीय स्थान पर रहे। क्रियाशील मॉडल वर्ग में रेहान प्रथम, अनम बानो द्वितीय एवं सुमित तृतीय स्थान पर रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/राजेश