अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश-विदेश से विद्वान होंगे शामिल
हस्ताक्षर कर पर्यावरण संरक्षण का भी लेंगे संकल्प
गोरखपुर, 19 सितंबर (हि.स.)। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में आयोजित होने वाली दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन शुक्रवार काे प्रातः 10:30 कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन की अध्यक्षता में होगा। इस संगोष्ठी में पंजाब विश्वविद्यालय के प्रो. अक्षय कुमार मुख्य वक्ता होंगे, जबकि लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर निशी पाण्डेय मुख्य अतिथि के रूप में अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज कराएंगी।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इस आयोजन को विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताते हुए कहा, यह संगोष्ठी साहित्य और पर्यावरणीय चिंताओं के गहरे संबंध पर चर्चा का एक अनूठा मंच प्रदान करेगी। यह हमारे विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय शोध और संवाद का एक प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।उन्होंने शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों से इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम का समापन 20 सितंबर को होगा, जिसके समापन सत्र की अध्यक्षता ओहायो विश्वविद्यालय, यूएसए के प्रोफेसर योगेश सिन्हा द्वारा की जाएगी। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर सत्यार्थ त्रिपाठी (एमिटी यूनिवर्सिटी) और विशिष्ट अतिथि डॉ. चंद्रभूषण त्रिपाठी, विशेष सचिव, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन, उत्तर प्रदेश सरकार, उपस्थित रहेंगे।
प्रख्यात विद्वान और शोधार्थी होंगे शामिल
इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश-विदेश से कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के विद्वान और शोधार्थी भाग लेंगे, जिनमें प्रमुख रूप से
- प्रोफेसर विपिन सिंह - यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार , गया
- प्रोफेसर के.सी. मिश्रा - राजीव गांधी यूनिवर्सिटी, ईटानगर
- प्रोफेसर प्रशांत मोथे - महाराष्ट्र
- डॉ. शालीन सिंह -, शाहजहांपुर
- प्रोफेसर एस.के. अग्रवाल - सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ गुजरात गांधीनगर
- प्रोफेसर अभिलाषा सिंह - इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी, अमरकंटक
- प्रोफेसर सुनीता अग्रवाल - यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान, जयपुर
- प्रोफेसर अमरनाथ प्रसाद - जे.पी. यूनिवर्सिटी, छपरा
- प्रो मधुर कुमार , बिहार यूनिवर्सिटी मुज्ज़फ़रपुर
- प्रो नलिनी श्याम , काशी विश्वविद्यालय
15 समानांतर टेक्निकल सत्रों का आयोजन
संगोष्ठी के दौरान 15 समानांतर तकनीकी सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें पर्यावरणीय चिंताओं और साहित्यिक अध्ययन के नवीनतम शोध पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा। इन सत्रों में विद्वान शोधकर्ता अपने अध्ययनों को प्रस्तुत करेंगे।
पर्यावरण संरक्षण का संकल्प
अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ल ने बताया कि यह संगोष्ठी साहित्य और पर्यावरणीय मुद्दों के संबंध में किए जा रहे नवीनतम शोध को सामने लाने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह संगोष्ठी साहित्य और पर्यावरण के अंतर्संबंध पर चल रहे शोध के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक होगी।
कार्यक्रम के दौरान सभी प्रतिभागियों द्वारा हस्ताक्षर कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लिया जाएगा, जिससे यह आयोजन न केवल बौद्धिक बल्कि सामाजिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय