अजय कपूर के भाजपा में आने से कानपुर लोकसभा सीट पर सतीश महाना हुए मजबूत
कानपुर, 14 मार्च (हि.स.)। कांग्रेस पार्टी से लगातार तीन बार विधायक रहे दिग्गज नेता अजय कपूर बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये। इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गईं कि अजय कपूर को कानपुर नगर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार बना सकती हैं। लेकिन अंदरखाने जो खबर है वह यह है कि अजय कपूर को भाजपा में शामिल कराने की पीछे उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की रणनीति है। उन्होंने कानपुर सीट पर अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए यह चाल चली है। खास बात यह भी है कि विधान सभा अध्यक्ष और अजय कपूर आपस में रिश्तेदार भी हैं।
कानपुर नगर की दो लोकसभा सीटों में एक सीट अकबरपुर पर भाजपा ने वर्तमान सांसद देवेन्द्र सिंह भोले पर विश्वास जताया है, लेकिन नगर सीट पर कौन उम्मीदवार होगा अभी शायद किसी को पता नहीं है। इस सीट पर वर्तमान में दिग्गज भाजपा नेता सत्यदेव पचौरी सांसद हैं और उन्होंने भी दावेदारी के लिए लखनऊ से लेकर दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं।
इधर बुधवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अजय कपूर ने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ले ली। इससे कयासों का दौर शुरु हो गया कि अजय कपूर कानपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए भाजपा में शामिल हुए। वहीं सत्यदेव पचौरी, विधायक सुरेन्द्र मैथानी, दिनेश अवस्थी, रमेश अवस्थी आदि भाजपा नेता जो कानपुर सीट से दावेदारी कर रहे हैं उनके खेमें में राजनीतिक गुणा गणित लगने लगा। यह सभी राजनेता अपनी पैरवी तेज कर दी, लेकिन अंदरखाने जो खबर सूत्रों के अनुसार मिल रही है कि उपरोक्त सभी राजनेताओं से मजबूत दावेदारी के लिए लगातार आठ बार से विधायक व विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना अपने रिश्तेदार अजय कपूर को भाजपा में शामिल कराया हैं जो करीब 35 वर्षों से कांग्रेस की राजनीति कर रहे थे। दो अलग-अलग विधानसभा सीटों से लगतार तीन बार अजय कपूर विधायक रहे और इधर दो बार से भी किदवई नगर सीट से भाजपा को अच्छी टक्कर दे रहे थे। यही नहीं शहर में उनकी लोकप्रियता भी है और बड़े कारोबारी भी।
बड़ी जीत हासिल कर सकते हैं महाना
अजय कपूर के भाजपा में आने व अगर सतीश महाना को लोकसभा का टिकट मिलता है तो महाना की बड़ी जीत की संभावना हो सकती है। इसके पीछे कारण है कि अजय कपूर गोविन्दपुर और किदवई नगर सीट से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। दोनों विधानसभा सीटों के अलावा अन्य विधानसभा सीटों में भी उनके समर्थकों की अच्छी खासी तादाद है।
मेयर चुनाव में भी भारी पड़े थे विधानसभा अध्यक्ष
पिछले वर्ष मेयर चुनाव के दौरान भाजपा में एक से बढ़कर एक दिग्गज अपनी पत्नी या बेटी के टिकट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिये थे, लेकिन उन्हे सफलता नहीं मिली। वहीं विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने एकतरफा वर्तमान मेयर प्रमिला पाण्डेय को टिकट दिलाकर दोबारा मेयर बनवाने में अहम भूमिका निभाई थी। उसी दौरान से लगभग साफ हो गया था कि सतीश महाना लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं, हालांकि एक बार उन्होंने लड़ा भी था, लेकिन कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। यह अलग बात है कि वह दौर दूसरा और अब दौर भाजपा के पक्ष में अधिक है। इसीलिए सतीश महाना दिल्ली पहुंचने के लिए अजय कपूर को भाजपा में लाकर कांग्रेस को कानपुर में लगभग पूरी तरह से कमजोर करने में सफल दिखाई दे रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/राजेश