सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय को नैक के तृतीय चक्र में 3.09 सीजीपीए के साथ ‘ए’ ग्रेड प्राप्त

 


कुलपति बोले, प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति के मार्गदर्शन व प्रेरणा ने इस उपलब्धि में निभाई भूमिका

वाराणसी,3 नवंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद्‌ (नैक)के तृतीय चक्र के मूल्यांकन में उल्लेखनीय सफलता मिली है। मूल्यांकन के तृतीय चक्र में 3.09 सीजीपीए के साथ विश्वविद्यालय को ‘ए’ ग्रेड प्राप्त हुआ है। नैक ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुशासन, प्रशासनिक दक्षता एवं पारदर्शी कार्य-संस्कृति को सराहा है।

विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर सोमवार को कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने खुशी जताई और इस सफलता का श्रेय उन्होंने प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के सतत मार्गदर्शन और प्रेरणा को दिया। कुलपति ने राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी सुधीर एम. बोबडे, डा. पंकज एल. जानी तथा अशोक देसाई के प्रति भी कृतज्ञता जताई। परिसर स्थित योगसाधना केन्द्र में विश्वविद्यालय परिवार के प्रति भी कुलपति प्रो. शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसन्धान परक दृष्टिकोण, प्राशासनिक पारदर्शिता और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण के प्रति समर्पण का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि सम्पूर्ण विश्वविद्यालय परिवार के सामूहिक परिश्रम, अनुशासन, समर्पण और गुणवत्तापूर्ण कार्य संस्कृति का परिणाम है। यह न केवल सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा का प्रमाण है,बल्कि संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में काशी और उत्तर प्रदेश की गौरवशाली परम्परा को भी नई ऊँचाई प्रदान करती है।

उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक और प्रशासनिक दोनों ही स्तरों पर नवाचार, पारदर्शिता और गुणवत्ता के मानकों को निरन्तर सुदृढ़ किया है। नैक द्वारा प्रदत्त यह ‘ए’ ग्रेड इस बात का प्रमाण है कि विश्वविद्यालय न केवल पारम्परिक शिक्षा के संरक्षण में अग्रणी है, बल्कि आधुनिक गुणवत्ता-मूलक शिक्षा प्रणाली को भी आत्मसात कर रहा है। नैक पीयर टीम द्वारा विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कार्यक्रमों, अनुसन्धान गतिविधियों, छात्र कल्याण योजनाओं, प्राशासनिक प्रक्रियाओं, डिजिटल नवाचारों एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के क्षेत्रों का व्यापक मूल्यांकन किया गया।

मूल्यांकन में विश्वविद्यालय की संरक्षणपरक भूमिका, शुद्ध प्राशासनिक व्यवस्था, अनुसन्धान कार्यों की गुणवत्ता और संस्कृत भाषा-संवर्धन के प्रति समर्पण को विशेष रूप से सराहा गया। कुलपति ने यह भी कहा कि “हमारा संकल्प है कि आने वाले वर्षों में विश्वविद्यालय न केवल भारतीय परम्परा और संस्कृति के संरक्षण में, बल्कि वैश्विक स्तर पर संस्कृत ज्ञान-विज्ञान के प्रसार में भी नई दिशा प्रदान करेगा।”

ज्ञातव्य हो कि 14 अक्टूबर 2025 को नैक द्वारा पुनर्मूल्यांकन में मिले ए ग्रेड की सूचना पत्र से दी गई। इसके पूर्व दिनांक 16, 17 जून को नैक में 2.99 सीजीपीए के साथ बी++ग्रेड प्राप्त हुआ था। इसके लिए पुनर्मूल्यांकन हेतु अपग्रेड कर ए ग्रेड प्राप्त हुआ।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी