बिजली दर कम करने के सुझाव पर नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन से मांगी रिपोर्ट
लखनऊ, 22 जून (हि.स.)। उपभोक्ताओं का निकल रहा 33122 करोड़ का सरप्लस बिजली दरों को बढ़ाने में परेशानी का सबब बनता जा रहा है। उपभोक्ता परिषद द्वारा विद्युत नियामक आयोग में तीन जून को पांच वर्षों तक बिजली दर आठ प्रतिशत तक कमी किये जाने का प्रस्ताव दाखिल किया गया था। इस पर आयोग ने पावर कारपोरेशन से रिपोर्ट मांगी है। दूसरी तरफ उपभोक्ता परिषद ने सासंदों और विधायकों से मिलकर बिजली दरों में कमी किये जाने को लेकर अभियान चलाने में सहयोग की अपील करने का फैसला लिया है।
उपभोक्ता परिषद बिजली दरों में चल रही सुरवाई को लेकर उपभोक्ताओं को जागरूक कर रहा है। इसके साथ ही रणनीति के तहत अपनी लड़ाई को आगे बढ़ा रहा है। उसका कहना है कि बढ़ोत्तरी तो दूर की बात है, हम कमी किये जाने के लिए पावर कारपोरेशन को विवश करेंगे। उपभोक्ता परिषद की तरफ से चलाए जाने वाले साप्ताहिक वेबीनार में आज प्रदेश भर से सैकड़ों विद्युत उपभोक्ताओं ने जुड़कर एक शुरू में यह मांग उठाई कि प्रदेश के उपभोक्ताओं का जो बिजली कंपनियों पर 33122 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहा है। उसके एवज में बिजली दरों में कमी की जाए और उसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार आगे आकर विद्युत नियामक आयोग को निर्देश जारी करें।
वहीं उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने वेबीनार में जुड़े सभी विद्युत उपभोक्ताओं को अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से विद्युत नियामक आयोग में तीन जून को दाखिल बिजली दरों में अगले पांच वर्षों तक आठ प्रतिशत कमी के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने पावर कॉरपोरेशन से जवाब मांगा है। इसके बाद पावर कारपोरेशन बड़े असमंजस में में पड़ गया है कि अब वह बिजली दरों में उपभोक्ताओं के निकल रहे 33122 करोड़ पर क्या जवाब दाखिल करें, क्योंकि अब वह बिजली दर की प्रक्रिया का अंग बन गया है ऐसे में पावर कारपोरेशन को रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में जवाब दाखिल करना अनिवार्य है।
आज के प्रादेशिक साप्ताहिक वेबीनार में प्रमुख रूप से जुड़े बनारस के विद्युत उपभोक्ता पवन सिंह, प्रतापगढ़ के अनुराग माही, नोएडा के विनोद कुमार गुप्ता, प्रमोद डांगर, आजमगढ़ से निरंजन शर्मा, साहिल नवाब, समीर अहमद, संदीप कुमार गुप्ता, हरेंद्र सिंह उपभोक्ताओं ने यह प्रस्ताव रखा। इसमें रणनीति बनाई कि वह प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का जो सरप्लस निकल रहा है। वह अलग-अलग जनपदों में अपने सांसदों व विधायकों से भी इस मुद्दे पर बात करेंगे कि वह उपभोक्ताओं का साथ दें और प्रदेश की बिजली कंपनियों पर निकल रहे सरप्लस के एवज में बिजली दरों में कमी कराए।
हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/मोहित