संघ की शाखाएं समाज को संस्कार और दिशा देने का काम करती हैं: कौशल किशोर
हरदोई,10 मार्च (हि.स.) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आज नगर के आरआर इंटर कॉलेज में शाखा संगम कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमे सैकड़ों स्वयंसेवकों ने सहभागिता की। इस कार्यक्रम के अंतर्गत नगर में जगह-जगह लगने वाली सभी शाखाएं एक साथ लगी। आयोजन का दृश्य अत्यंत मनोरम था. शाखा पद्धति के अनुसार सभी शाखाओं के मुख्य शिक्षक एवं शाखा कार्यवाह अपना ध्वज एवं अपनी शाखा के स्वयंसेवकों को लेकर निश्चित स्थान पहुंचे। एक ही प्रांगण में इतनी शाखायें एवं लहराते हुए ध्वज सभी का मन मोह रहे थे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ ध्वज प्रणाम के साथ हुआ। उसके बाद सभी शाखाओं ने नियमित आसन-व्यायाम, सूर्य नमस्कार आदि से समां बाँध दिया. वातावरण वन्देमातरम, भारत माता की जय से गुंजायमान रहा. शाखाओं के नाम जिन महापुरुषों के नाम पर थे उनके चित्र उसी शाखा स्थान पर सुशोभित हो रहे थे जैसे सुभाष शाखा, अम्बेडकर शाखा, माधव शाखा, केशव शाखा आदि सम्मिलित रहीं।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता विभाग प्रचारक कौशल किशोर ने उपस्थित स्वयंसेवकों से कहा कि हम अपनी प्रार्थना में “विजेत्री जनः संहता कार्यशक्तिर” में परम पिता से जिस शक्ति की याचना करते हैं वह यही संगठन शक्ति है जिसका परिचय आज सभी शाखाएं मिलकर दे रही हैं. स्वामी विवेकानंद ने शिकागो की धर्मसभा में जो गर्व से को हम हिन्दू हैं का उद्घोष किया था वह सोये हुए हिन्दू समाज को जगाने के लिए किया था. पहले मुगलों और फिर अंग्रेजो की 700-800 वर्ष की पराधीनता के कारण हमारे राष्ट्र के गौरव, संस्कार, अस्मिता पर जो चोट लगी थी उसने हिन्दू समाज में आत्महीनता का भाव पैदा कर दिया था उसे मिटा कर आत्मविश्वास भरने का पहला प्रयास था.
विभाग प्रचारक ने आगे कहा पहले हमारे गाँव गाँव सभाएं होती थीं जो सुरक्षा के साथ साथ समाज को संस्कार और दिशा देने का काम करती थीं. गाँव में दया, करुणा आपसी सौहार्द का संचार करती थीं. पर आज समय की गति के साथ वह सभाएं मिटती चली जा रही हैं. पाश्चात्य सभ्यता की आंधी में समाज संकार विहीन होता जा रहा है. ऐसे समय समाज को दिशा देने का कार्य संघ के स्वयंसेवक कर करें. चरित्र और संस्कार की जो शिक्षा पहले गाँव की सभाओं से मिलती थे वो शाखा से मिले. इसके लिए आवश्यक है सभी स्वयंसेवक आत्मबल से, अनुशासन से, शारीरिक रूप से मज़बूत हों. प्रत्येक स्वयंसेवक को प्रतिज्ञा, प्रार्थना संगठन मन्त्र, कल्याण मन्त्र, भोजन मन्त्र, कंठस्थ होने चाहिए. समय समय पर परिवार में भी शाखा लगानी चाहिए ताकि जो चरित्र निर्माण शाखा में होता है वो परिवार में भी हो. हमारे शाश्वत संकार अगली पीढ़ी में भी पहुंचे. अगर शाखा एक परिवार है तो हर परिवार भी एक शाखा होनी चाहिए।
संघ के नगर कार्यवाह विनय पाण्डेय ने बताया कि हर वर्ष ऐसे कार्यक्रम होने से प्रत्येक शाखा की स्थिति पता लग जाती है कि शाखा द्वारा किन कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है। शाखाओं में आपसी मेल मिलाप से सभी में एक सामंजस्य भी बना रहता है।
शाखा संगम में विभाग संघ चालक शिवस्वरूप, नगर संघचालक मिथिलेश शर्मा, नगर प्रचारक विशाल, जिला प्रचारक रवि प्रकाश, जिला प्रचार प्रमुख प्रभाकर गुप्ता सहित सैकड़ों की संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/अम्बरीष
/बृजनंदन