रामोत्सव 2024 : प्राण प्रतिष्ठा में आने वाले विशिष्ट मेहमानों को उपहार में मिलेगी "रामरज"
अयोध्या। अयोध्या में नव निर्मित राम मंदिर में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियों जोरों पर हैं। 22 जनवरी को होने वाले इस कार्यक्रम के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से हजारों वीआईपी गेस्ट्स को इनवाइट किया गया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी आमंत्रित अतिथियों के स्वागत की भी तैयारी की गई है और साथ ही समारोह में सम्मिलित होने वाले सभी मेहमानों को ट्रस्ट की ओर से उपहार भी दिए जाएंगे। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से सभी मेहमानों को रामरज उपहार स्वरूप दी जाएगी। साथ ही उन्हें प्रसाद के रूप में देसी घी से बने विशेष मोतीचूर के लड्डू भी दिए जाएंगे।
- 22 जनवरी को श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा में सम्मिलित होने वाले अतिथियों के स्वागत की तैयारी
- राम जन्मूभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सभी उपस्थित मेहमानों को यादगार उपहार देने की बनाई योजना
- सभी अतिथियों को राम मंदिर की खुदाई में निकली मिट्टी (रामरज) उपहार स्वरूप प्रदान की जाएगी
- प्रसाद के रूप में सभी अतिथियों को देसी घी से बने विशेष मोतीचूर के लड्डू भी प्रदान किए जाएंगे
अयोध्या। अयोध्या में नव निर्मित राम मंदिर में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियों जोरों पर हैं। 22 जनवरी को होने वाले इस कार्यक्रम के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से हजारों वीआईपी गेस्ट्स को इनवाइट किया गया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी आमंत्रित अतिथियों के स्वागत की भी तैयारी की गई है और साथ ही समारोह में सम्मिलित होने वाले सभी मेहमानों को ट्रस्ट की ओर से उपहार भी दिए जाएंगे। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से सभी मेहमानों को रामरज उपहार स्वरूप दी जाएगी। साथ ही उन्हें प्रसाद के रूप में देसी घी से बने विशेष मोतीचूर के लड्डू भी दिए जाएंगे।
पीएम मोदी को दी जाएगी राम मंदिर की तस्वीर
जानकारी के अनुसार 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने वाले मेहमानों को मंदिर की बुनियाद की खुदाई में निकाली गई मिट्टी (रामरज)भेंट की जाएगी। जानकारी के अनुसार राम मंदिर नींव की खुदाई के दौरान निकाली गई राम जन्मभूमि की मिट्टी को बक्सों में पैक किया जाएगा और 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले मेहमानों को भेंट किया जाएगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े एक सदस्य ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए यहां आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जूट के थैले में पैक की गई राम मंदिर की 15 मीटर की तस्वीर भेंट की जाएगी, जिसमें मंदिर की एक तस्वीर भी होगी।
यादगार होगा उपहार
ट्रस्ट के सदस्य ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में ट्रस्ट की ओर से देश भर से 11,000 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया गया है और इन सभी लोगों को यादगार उपहार देने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि रामरज एक ऐसा उपहार होगा, जिसे मेहमान हमेशा याद रखेंगे। किसी घर में इस रामरज का होना सौभाग्य की बात है। इस पवित्र उपहार का उपयोग वो अपने घर के गार्डेन या गमलों में कर सकेंगे। ऐसी भी संभावना है कि ऐसे आमंत्रित लोग जो किसी कारणवश प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में यहां नहीं आ सके हैं, वो जब भी यहां आएंगे उन्हें यह उपहार दिया जाएगा।
मंदिर प्रांगण में 7500 लोग करेंगे प्रवेश
अयोध्या के मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में 7500 लोगों को मंदिर प्रागण में बिठाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि जो भी विशिष्ट मेहमान अयोध्या आएगा, उसे रिसीव करने के साथ ही एक कोड दिया जाएगा। इस कोड के आधार पर उनके बैठने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि वाराणसी के पुजारी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को संपन्न कराएंगे। उनके साथ 4 ट्रस्टी और 4 पुजारी भी रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान मंदिर में बने पांच मंडपों में अलग-अलग सोशल कम्यूनिटी के 15 दंपत्ति भी उपस्थित रहेंगे। प्रांगण में ही पीएमओ भी स्थापित किया जाएगा, जबकि पीएम मोदी की स्पीच के लिए भी एक स्थान को चिन्हित किया गया है जहां से वो इस ऐतिहासिक अवसर पर पूरी दुनिया को संदेश देंगे। इसके अतिरिक्त, परकोटा ईस्ट में धार्मिक संगीत का भी आयोजन होगा।
कुबेर टीला पर पक्षीराज जटायू की मूर्ति का अनावरण करेंगे पीएम मोदी
मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया कि पीएम मोदी अयोध्या के श्रीरामजन्म भूमि परिसर में स्थित कुबेर नवरत्न टीला पर भी जाएंगे, जहां वो पक्षी राज जटायु की मूर्ति का भी अनावरण करेंगे। यह मूर्ति कांस्य की है। यह दिल्ली से बनकर आई है, जिसकी स्थापना का कार्य दिसंबर में हो चुका रहै। पीएम मोदी राम काज के लिए प्राणों की आहुति देने वाले हुतात्माओं की स्मृति के रूप में जटायु राज को पुष्पांजलि भी अर्पित करेंगे। इस मूर्ति को कुबेर नवरत्न टीला के शिखर की बजाय थोड़ा पहले दर्शन मार्ग पर स्थापित किया गया है। यहां पहले से ही मूर्ति स्थापना के लिए चट्टान का निर्माण किया गया था।