संत के सानिध्य से धुल जाते हैं सारे पाप– जगदगुरू रामभद्राचार्य

 




कुशीनगर,13 दिसंबर (हि.स.)। तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि संत के सानिध्य से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं। क्योंकि प्रभु की भक्ति से संत के पास प्रभु तक अपनी अरदास पहुंचाने की सिद्धि होती है। संत समाज को सनातन संस्कृति पर हो रहे प्रहार को दूर करने एकजुट होना पड़ेगा। कुछ राजनेता सनातन संस्कृति पर लगातार हमले कर रहे हैं। ऐसे लोगों को संतों का सानिध्य प्राप्त करना चाहिए। महात्मा बुद्ध की निर्वाण स्थली पर रामकथा का रसपान कराना मेरे लिए गौरव की बात है। यह वह स्थान है जिसने समय के सभी दौर में अपनी उपयोगिता साबित की है।

रामभद्राचार्य कुशीनगर क्षेत्र के सेमरा धाम में बुधवार को नौवें दिन श्रद्धालुओं को राम कथा का रसपान करा रहे थे। जगद्गुरु ने रामेश्वर के महात्म्य का वर्णन करते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम के ईश्वर को रामेश्वर कहा जाता है क्योंकि यह स्थान भगवान शिव का है। उन्होंने आगे कहा कि राम के प्रताप से बड़े से बड़े लक्ष्य आसानी से हासिल हो जाते हैं। जैसाकि रामेश्वरम में पुल बनाने के दौरान देखा गया कि प्रभु श्रीराम का नाम लिखा पत्थर भी समुद्र में नहीं डूबता। इसकी व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान की सेना के रावण की लंका में जानें की इच्छा के सामने समुद्र सबसे बड़ी बाधा था। जब स्वयं समुद्र ने इसका तरीका बताया तब जाकर राम नाम लिखे पत्थरों को नल नील की अगुवाई में समुद्र में डालकर पुल बनाया गया जिससे होकर प्रभु श्रीराम की सेना ने लंका में प्रवेश किया व लंकाधिपति रावण को परास्त करके माता सीता को लेकर प्रभु श्रीराम अयोध्या लौट आए।इससे पहले मुकुल पाण्डेय व रजनी पाण्डेय तथा रमेश तिवारी के द्वारा चरण पादुका के पूजन से कथा शुरु हुई।

सांसद कुशीनगर विजय दूबे,फाजिलनगर के विधायक सुरेंद्र सिंह कुशवाहा, खड्डा के प्रमुख शशांक दूबे, तमकुही राज के प्रमुख प्रतिनिधि वशिष्ठ राय उर्फ गुड्डू, पडरौना के मनीष जायसवाल आदि अतिथि के रुप में मौजूद रहे।

हिंदुस्थान समाचार/गोपाल

/बृजनंदन