जौनपुर में प्रतिबंधित चाइनीज मांझे के खिलाफ जन जागरण अभियान तेज

 




जौनपुर, 21 दिसंबर (हि.स.)। यूपी के जौनपुर में मकर संक्रांति से पहले पतंगबाजी की खुशी को मौत के जाल में बदल देने वाले प्रतिबंधित चाइनीज/नायलॉन/सिंथेटिक मांझे व तात के धागे के खिलाफ जौनपुर में जन आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के 2017 के सख्त आदेश के बावजूद बाजारों में धड़ल्ले से बिक रहे इस घातक धागे के विरुद्ध कीलर मांझा प्रतिबंध अभियान समिति के नेतृत्व में रविवार को भी शहर में विकास तिवारी के नेतृत्व में वृहद स्तर पर पोस्टर अभियान चलाया गया।भारी संख्या में नागरिकों ने स्वेच्छा से इसमें भाग लिया और शहर के प्रमुख चौराहों, बाजारों, सड़कों तथा सार्वजनिक स्थानों पर सैकड़ों पोस्टर चिपकाए गए। समिति के संयोजक अधिवक्ता विकास तिवारी व अतुल सिंह, सुधांशु सिंह, दिव्यप्रकाश सिंह, अंकित यादव एवं अन्य साथियों ने अभियान को विस्तार देते हुए कहा कि प्रशासन को जगाने और समाज में जागरूकता लाने के लिए हम यह पोस्टर अभियान चला रहे हैं। प्रशासन की पतंग उड़ाने वाले प्रतिबंधित धागा के विरुद्ध कार्यवाही दिखनी शुरू हुई है। जनपद मे भारी स्तर पर पतंग उड़ाने में प्रयुक्त होने वाला प्रतिबंधित धागा बरामद कर विक्रय और भंडारण करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही हुई है लेकिन अभी और कठोरता से कार्यवाही करने की आवश्यकता है। हमारे द्वारा पूर्व में प्रशासन को कई बार ज्ञापन देने के बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब हम स्वयं जनता को जगाने के लिए पोस्टर हाथों में लिए सड़कों पर निकल पड़े है।

पोस्टर अभियान में जुटे सब लोग एक स्वर में अपील करते रहे कि प्रतिबंधित मांझा न बेचें, न खरीदें, न उपयोग करें। केवल सुरक्षित सूती धागा अपनाएं। उल्लंघन पर 5 वर्ष की कैद और 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। समिति ने खूनी डोर का उपयोग करने वालों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि पतंग उड़ाने के लिए सिर्फ काटन के धागे का ही उपयोग किया जा सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव