संगठन का वर्तमान लक्ष्य कार्य के साथ समाज तक पहुंच : शेषधर द्विवेदी

 


-प्रान्तीय प्रचार विभाग की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

प्रयागराज, 27 दिसम्बर (हि.स.)। सिविल लाइन्स स्थित ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर के सभागार में शनिवार को काशी प्रान्त की प्रान्तीय प्रचार विभाग की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल युग की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए संगठन की विचारधारा और सामाजिक कार्यों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करना था।

इस महत्वपूर्ण बैठक में काशी प्रान्त के अंतर्गत आने वाले सभी 08 संकुलों (केशव, माधव, सुल्तानपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, काशी, प्रतापगढ़ एवं जौनपुर) से आए प्रचार प्रमुखों, सोशल मीडिया प्रमुखों और संवाददाताओं ने सहभागिता की। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि एवं प्रदेश निरीक्षक शेषधर द्विवेदी ने दीप प्रज्ज्वलन एवं माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।

प्रथम सत्र को सम्बोधित करते हुए शेषधर द्विवेदी ने कहा कि आज के सूचना क्रांति के युग में प्रचार केवल एक माध्यम नहीं, बल्कि एक अनिवार्य आवश्यकता बन चुका है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता निःस्वार्थ भाव से समाज सेवा के जो प्रकल्प चला रहे हैं, उन्हें समाज के सम्मुख लाना आवश्यक है ताकि जनमानस में सकारात्मकता का संचार हो सके। उन्होंने ’’कार्य के साथ-साथ समाज तक पहुँच’’ को संगठन का वर्तमान लक्ष्य बताया।

द्वितीय सत्र में वरिष्ठ पत्रकार डॉ. प्रदीप भटनागर ने अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने समाचार लेखन विषय पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि एक प्रभावी समाचार वह है जो स्पष्ट, संक्षिप्त और तथ्यपरक हो। उन्होंने संवाददाताओं को समाचार की संरचना, पंच-ककार (क्या, कहां, कब, कौन, क्यों) और लेखन की बारीकियों के बारे में प्रशिक्षित किया।

तृतीय सत्र में काशी प्रान्त के प्रचार संयोजक विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने प्रचार विभाग की भविष्य की कार्ययोजना का खाका प्रस्तुत किया। उन्होंने विभाग की अष्ट बिन्दु आधारित कार्य प्रणाली का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे व्यवस्थित और अनुशासित तरीके से आठ प्रमुख बिंदुओं पर काम करके प्रचार तंत्र को सुदृढ़ किया जा सकता है।

चतुर्थ सत्र में आधुनिक तकनीक के प्रयोग पर बल दिया गया। ई.सी.सी. के प्रोफेसर डॉ. लोकेन्द्र तिवारी ने वर्तमान समय की सबसे चर्चित तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि ए.आई के माध्यम से हम अपने प्रचार साहित्य, ग्राफिक्स और वीडियो कंटेंट को न केवल उन्नत बना सकते हैं, बल्कि समय की भी बचत कर सकते हैं। उन्होंने आगाह किया कि तकनीक का उपयोग विवेकपूर्ण और रचनात्मक ढंग से होना चाहिए।

कार्यशाला के पांचवें एवं अंतिम सत्र में सभी संकुल प्रमुखों ने अपने-अपने संकुल की आगामी वार्षिक कार्ययोजना का निर्माण किया और उसे सभी के सम्मुख प्रस्तुत किया। इस सत्र में आगामी वर्ष के कार्यक्रमों, अभियानों और सोशल मीडिया कैम्पेन की रूपरेखा तैयार की गई। समापन के अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और दूर-दराज के जनपदों से आए कार्यकर्ताओं का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्वास जताया कि इस कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान का लाभ प्रान्त के प्रचार कार्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र