संसद से विपक्षी दलों के सांसदों के निलम्बन के विरोध में धरना-प्रदर्शन
वाराणसी,22 दिसम्बर (हि.स.)। विपक्षी सांसदों को सदन से निलंबित करने के विरोध में इंडिया गठबंधन के दलों के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने शुक्रवार को कचहरी स्थित अम्बेडकर प्रतिमा के समक्ष जमकर धरना प्रदर्शन किया। धरना में शामिल नेताओं ने बांहों पर काली पट्टी बांध कर सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल व सपा जिलाध्यक्ष सुजीत कुमार यादव ने संयुक्त रूप से कहा कि संसद की मर्यादा और गरिमा का अपमान करते हुए इतिहास में पहली बार सवाल पूछने वाले विपक्ष के 141 से अधिक सांसदों को सस्पेंड किया गया। सदन में लोकतंत्र की हत्या की गई। संसद की सुरक्षा में हुई गंभीर चूक का जवाब देने की बजाय तानाशाही सरकार सवाल पूछने वालों को मौन करने में लगी है। लोकतंत्र का मतलब क्या है? हर मुद्दे पर चर्चा करना, सवाल पूछना, जवाब देना और पक्ष-विपक्ष की सहमति से देश को आगे ले जाना। लेकिन आज भाजपा सरकार देश की जनता से यह लोकतंत्र ही छीनना चाहती है। केन्द्र सरकार को बुनियादी और जरूरी मुद्दों पर मसखरी करने के अलावा कुछ नहीं आता। जहां सरकार की जवाबदेही और जिम्मेदारी की बात होती है, वहां खुद पार्टी के नेता बेशर्मी से झूठ और जहर उगलते हैं। धरना प्रदर्शन में कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे,सपा महानगर अध्यक्ष दिलीप डे, सपा नेता और पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल,पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री मनोज रायधूपचंडी आदि ने भी भाजपा की डबल इंजन सरकार पर निशाना साधा। धरना में दुर्गा प्रसाद गुप्ता, पूर्व मंत्री बहादुर सिंह यादव,प्रो.अनिल उपाध्याय, संतोष यादव बबलू,अशोक सिंह, डॉ राजेश गुप्ता,आनंद मौर्या,पंकज चौबे,किशन दीक्षित,जितेंद्र सेठ,मनीष चौबे, राधा कृष्ण संजय यादव,पूनम विश्वकर्मा आदि शामिल रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/सियाराम