स्वस्थ जीवन के लिए मांसपेशियां का सही उपचार जरूरी : डा. ज्योत्सना धवन

 


सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ का 73वां वार्षिक दिवस समारोह

लखनऊ, 17 फरवरी (हि.स.)। सीएसआईआर-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ ने भारत में अग्रणी दवा अनुसंधान और विकास की अपनी समृद्ध विरासत की याद में शनिवार को अपना 73वां वार्षिक दिवस मनाया। 49वें सर एडवर्ड मेलानबी मेमोरियल ओरेशन का भी आयोजन किया गया, जिसमें संस्थान के संस्थापक निदेशक के इस क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान को सम्मानित करते हुए याद किया।

डॉ. ज्योत्सना धवन ने 49वें सर एडवर्ड मेलानबी मेमोरियल ओरेशन पर व्यख्यान दिया। उन्होंने कहा कि मांसपेशियां न केवल स्वस्थ जीवन के लिए मायने रखती हैं, बल्कि इसलिए भी कि यह उम्र बढ़ने तथा मस्कुलर डिस्ट्रॉफी सहित बीमारियों के कारण नष्ट हो जाती हैं। जो अपने आप में एक डिजीज मार्कर (रोग के लक्षण) का भी काम करती हैं। डॉ. धवन ने प्रभावी उपचारों की तत्काल आवश्यकता पर बल देते हुए मांसपेशीय विकारों की व्यापकता और प्रभाव पर जोर दिया।

डॉ. धवन ने बताया कि कैसे वयस्क की मांसपेशियों में चोट के बाद पुनर्जीवित होने की उल्लेखनीय क्षमता होती है। मुख्य रूप से यह सैटेलाइट सेल के रूप में ज्ञात विशेष वयस्क स्टेम सेल की उपस्थिति के कारण होता हैं। उन्होंने पुनर्जनन प्रक्रिया को व्यवस्थित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, स्टेम सेल निष्क्रियता और मांसपेशियों के कार्य के बीच जटिल परस्पर क्रिया पर प्रकाश डाला।

उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान आठ प्रमुख सीएसआईआर मिशन परियोजनाओं में भाग ले रहा है, जिनमें पैन सीएसआईआर कैंसर मिशन, एंटीवायरल मिशन, एपीआई मिशन, आईएनडी मिशन आदि शामिल हैं। संस्थान के वैज्ञानिकों को भारत की विज्ञान अकादमियों की फ़ेलोशिप, प्रमुख एजेंसियों और वैज्ञानिक सोसाइटीज द्वारा पुरस्कार सहित कई प्रमुख सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हुए।

सीएसआईआर-सीडीआरआई और सिप्ला फंगल केराटाइटिस के इलाज के लिए नवीन नेत्र संबंधी फॉर्मूलेशन के विकास हेतु साथ आए

सीएसआईआर-सीडीआरआई ने फंगल केराटाइटिस के लिए संयुक्त रूप से एक नया नेत्र संबंधी फॉर्मूलेशन विकसित करने के लिए वैश्विक दवा कंपनी 'सिप्ला' के साथ भी सहयोग किया है। सीडीआरआई ने आंखों में इसकी डिलीवरी को अनुकूलित करने के लिए एक एंटीफंगल दवा के लिए एक प्रोटोटाइप फॉर्मूलेशन विकसित किया है। प्रीक्लिनिकल अध्ययनों में पाया गया है कि, यह फॉर्मूलेशन फंगल संक्रमण को तेजी से रोक कर रोग निदान में सक्षम है।

इस दौरान सीएसआईआर-सीडीआरआई ने फॉस्फोरामिडाइट-आधारित क्वेंचर्स तकनीक के लिए ईएसएससीईई (एससी) बायोटेक इंडिया के साथ एक लाइसेंसिंग समझौते पर हस्ताक्षर किया।एसआईआर-सीडीआरआई ने ईएसएससीईई बायोटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ जीव विज्ञान अनुसंधान और बायोमेडिकल अनुप्रयोगों के लिए फॉस्फोरामिडाइट-आधारित क्वेंचर्स की तकनीक के लिए लाइसेंसिंग समझौते पर हस्ताक्षर किए।

इसके अलावा, सीएसआईआर-सीडीआरआई ने बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस पिलानी, गोवा और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च कोलकाता के साथ दो शैक्षणिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए। सीएसआईआर-सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष तथा भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के पूर्व सचिव डॉ. आशुतोष शर्मा के साथ, सीएसआईआर-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, हैदराबाद की प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. ज्योत्सना धवन सहित अन्य अतिथियों का स्वागत किया।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/बृजनंदन