एग्री-ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग भविष्य की आवश्यकता : प्रो. केके सिंह

 




मेरठ, 06 जनवरी (हि.स.)। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केके सिंह ने कहा कि एग्री-ड्रोन के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग भविष्य की आवश्यकता है। इसके लिए युवाओं को एग्री-ड्रोन सिस्टम को बढ़ावा देना होगा।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषदके केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र मोदीपुरम मेरठ पर शनिवार को 'राष्ट्रीय एग्री-ड्रोन कार्यशाला एवं प्रक्षेत्र दिवस' पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्थान के निदेशक डॉ. ब्रजेश सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम हुआ।

मुख्य अतिथि सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केके सिंह, विशिष्ट अतिथि केंद्र सरकार के कृषि आयुक्त डॉ. पीके सिंह रहे। इस मौके पर अतिथियों द्वारा 'आलू की फ़सल का एग्री-ड्रोन आधारित प्रबंधन' नामक प्रसार पत्रक का विमोचन किया गया तथा एग्री-ड्रोन के प्रोत्साहन के लिए विभिन्न विश्वविद्यालाय की छात्राओं को प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए।

कुलपति प्रो.केके सिंह ने एग्री-ड्रोन के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के उपयोग को भविष्य की आवश्यकता बताया। डॉ.पीके सिंह ने भारत सरकार की एग्री-ड्रोन की योजनाओं विशेषकर ड्रोन सखी के बारे में जानकारी दी और सभी हितधारकों को एग्री-ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने का आह्वान किया।

निदेशक डॉ. ब्रजेश सिंह ने आलू के क्षेत्र विशेषकर एग्री-ड्रोन की संस्थान द्वारा विकसित तकनीक के बारे में जानकारी दी। इस आयोजन में शामिल इफ़्फ़्को, मारुत ड्रोनट्रेक, आयोटेक, बेयर क्रॉप साइंस, सिंजेंटा और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों ने अपने प्रतिष्ठानों में एग्री-ड्रोन तकनीक के विषय में चल हो रही प्रगति को बताया। कार्यशाला के साथ-साथ एग्री-ड्रोन के तीन माडल का का सजीव प्रदर्शन भी किया गया। इसके साथ ही एग्री-ड्रोन व आलू की नवीन तकनीक की जानकारी के लिए एक प्रदर्शनी भी लगाई गई।

इस कार्यक्रम में लगभग 250 किसानों, छात्र-छात्राओं, उर्वरक व कृषि- रसायन बनाए वाले प्रतिष्ठानों तथा उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. कुलदीप/राजेश