विश्वविद्यालय के शिक्षकों को पढ़ाया गया प्रोफेशनल एथिक्स का पाठ
कानपुर, 06 मार्च (हि.स.)। शिक्षण संस्थान में सबसे अधिक शिक्षक की भूमिका होती है और साथ ही अधिकारी व कर्मचारियों का दायित्व होता है कि छात्रों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े। बुधवार को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रोफेशनल एथिक्स (व्यवसायिक नैतिकता) का पाठ पढ़ाया गया।
विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में शिक्षक, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए प्रोफेशनल एथिक्स कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने कहा कि विद्यार्थियों की कक्षाएं एवं अन्य दायित्व जो उन्हें सौंपे गए हैं उनका अनुपालन निष्ठापूर्वक सुनिश्चित होना चाहिये।
उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने चरित्र को पावन बनायें तथा अपने आचरण को उत्तम रखें, क्योंकि विद्यार्थी शिक्षक के आचरण का अनुसरण करने का प्रयास करता है। शिक्षक छात्र एवं शिक्षक के बीच के विमर्श को आगे बढ़ाएं, क्योंकि विमर्श से ही अनुत्तरित प्रश्नों का उत्तर मिलता है एवं ज्ञान का आदान-प्रदान होता है।
उन्होंने कहा कि धर्मशास्त्रों में गुरु और शिष्य के रिश्ते को श्रेष्ठ रिश्ता बताया गया है। इसका श्रेष्ठ निर्वहन आवश्यक है। शिक्षकों का कार्य है विद्यार्थी की प्रतिभा को आगे लाना। सभी शिक्षकों को इस ओर कार्य करना चाहिये। उन्होंने कहा कि शिक्षक विश्वविद्यालय के ब्रांड एंबेस्डर हैं, उनका आचरण एवं कार्य उत्तम प्रकार का होना चाहिये। शिक्षक एवं उनके दायित्वों के संबंध में उन्होंने कहा जो कोई भी शिक्षण को व्यवसाय के रुप में अपनाता है उसका दायित्व होता है कि वह पेशे के आदर्शाें के अनुरुप अपने आचरण को बनाए रखें। एक शिक्षक लगातार अपने छात्रों और समाज की समीक्षा के अधीन रहता है। इसलिए प्रत्येक शिक्षक को यह ध्यान रखना चाहिए कि उसकी कथनी और करनी के बीच कोई भेद न हो। पहले से ही निर्धारित शिक्षा के राष्ट्रीय आदर्शों और उन्हें छात्रों को प्रसार करना एक शिक्षक का स्वयं का आदर्श होना चाहिये। इस व्यवसाय में आगे यह भी आवश्यक है कि शिक्षक शांत, धैर्यवान, मिलनसार और मैत्रीपूर्ण स्वभाव का हो।
कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने बताया कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विद्यार्थियों की समस्याओं को सुनकर उनका अतिशीघ्र निदान करना चाहिये। इसके साथ ही साथ सभी को अपना कार्य निष्ठापूर्वक संपादित करना चाहिये।
उप कुलसचिव अजय गौतम ने बताया कि प्रत्येक कर्मचारी हर समय कर्तव्य के प्रति पूर्ण सत्यनिष्ठा और समर्पण बनाए रखेगा। प्रत्येक कर्मचारी को हर समय व्यवहार और आचरण को विनियमित करने वाले विश्वविद्यालय व सरकार के विशिष्ट या निहित आदेशों के अनुसार आचरण करना होगा।
इस दौरान प्रो. नीरज कुमार सिंह, कुलानुशासक डा. प्रवीन कटियार, महाविद्यालय विकास परिषद प्रो. राजेश कुमार द्विवेदी आदि मौजूद रहें।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय