वाराणसी में हजरत अली की जयंती पर टाउनहाल से निकला जुलूस
वाराणसी, 25 जनवरी (हि.स.)। इमाम हजरत अली की जयंती (अली डे) पर गुरुवार को शिया समुदाय ने परम्परानुसार टाउनहाल मैदागिन से जुलूस निकाला। जुलूस बुलानाला, नीचीबाग, चौक, दालमंडी, नई सड़क, काली महाल, पितरकुंडा होते हुए लल्लापुरा स्थित दरगाह फातमान पहुंचकर समाप्त हुआ। वहीं, दुआख्वानी व जोहर की नमाज के बाद हजारों लोगों ने हजरत अली के रौजे की जियारत की।
दरगाह फातमान स्थित सभागार में सर्व धर्म प्रार्थना सभा भी होगी। जुलूस में नारे हैदरी या अली या अली की सदाएं गूंजती रही। रास्ते भर शिया समाज के लोगों ने जुलूस का स्वागत किया। जुलूस में शामिल लोगों के लिए जलपान की व्यवस्था जगह-जगह की गई थी। हजरत अली की जयंती पर शिया समाज में जश्न का माहौल रहा। मस्जिदों व मौला अली के रौजे पर रोशनी की विशेष व्यवस्था रही। जगह-जगह महफिल मीलाद कार्यक्रम हुआ। जिसमें हजरत अली की शान में कसीदे पढ़े गए। हजरत अली समिति के सचिव हाजी फरमान हैदर ने बताया कि हजरत अली पैगम्बर हजरत मोहम्मद सल्ल के दामाद और चौथे खलीफा हैं। 1468 साल पहले उर्दू कैलेंडर के अनुसार 13 रजब को मक्का में उनका जन्म हुआ। अली सिर्फ मुसलमानों या शियाओं के नहीं हैं। हमारे लिए हजरत अली वैसे ही हैं जैसे भगवान राम और कृष्ण।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दिलीप