पूर्व की सरकारों ने मछुआ समाज के साथ भेदभाव किया - संजय निषाद

 


जालौन, 15 दिसंबर (हि.स.)। जालौन पहुंचे प्रदेश के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा है कि केंद्र और प्रदेश सरकार मझवार आरक्षण को लेकर गंभीर हैं और जल्द ही सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरजीआई रजिस्टार जनरल ऑफ़ इंडिया को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश में मछुआ समाज को पूर्व में किस कोट के तहत आरक्षण मिलता था, उसकी जानकारी मांगी थी। जिस पर आरजीआई ने उत्तर देते हुए कहा है कि 1931, 1941, 1951, 1961, 1971, 1981 और 1991 तक उत्तर प्रदेश में मछुआ समाज की गिनती अनुसूचित जाति में की जाती थी।

संजय निषाद ने कहा कि उत्तराखंड की तर्ज पर शिल्पकार जाति नहीं जातियों का एक समूह है, जैसा शासनादेश जारी किया जाना है कि उत्तर प्रदेश में मझावर जाति नहीं जातियों का एक समूह है और विभिन्न 16 उप जातियां मझवार की पर्यायवाची जातियां हैं।

कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने कुठौंद में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही मत्स्य विभाग की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मछुआ समाज को सीधे तौर पर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 9 वर्षों में देश के मछुआरों के विकास के लिए 39 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, जबकि इसके विपरीत पूर्व की केंद्र की सरकारों ने 67 वर्ष में 3000 करोड़ रुपए ही आवंटित किए थे। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार उत्तर प्रदेश के मछुआरे समाज के विकास के लिए कटिबद्ध हैं।

संजय निषाद ने कहा कि प्रदेश में मछुआ समाज के उत्थान हेतु विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, प्रधानमंत्री मछुआ दुर्घटना बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड (मत्स्य पालन क्षेत्र हेतु), मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना, निषाद राज वोट योजना, मछुआ कल्याण कोष (6 मदों के तहत मछुआ समाज को आर्थिक सहायता पहुंचाने हेतु) संचालित की जा रही हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने पर निषाट पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जिस प्रकार त्रेता युग में रावण राज खत्म करने के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का साथ महाराजा गुह्यराज निषाद ने अपनी सेना देकर रावण राज खत्म किया था आज ठीक उसी प्रकार तीनों राज्य में कुशासन और कुप्रचार का अंत हुआ है।

हिन्दुस्थान समाचार/ विशाल/बृजनंदन