प्रयागराज ने खो दिया समाजसेवी गंगा पुत्र
-समाजसेवा का अद्वितीय अध्याय कमलेश दादा के साथ समाप्तप्रयागराज, 12 दिसम्बर (हि.स.)। प्रयागराज की सामाजिक चेतना और समाजसेवा की धुरी रहे गंगा पुत्र व दादा नाम से लोकप्रिय पूर्व सभासद कमलेश सिंह दादा के निधन से शहर शोकाकुल है। सरलता, ईमानदारी और जनहित के लिए अडिग संघर्ष की प्रतिमूर्ति रहे कमलेश दादा तीन बार निर्दलीय पार्षद चुने गए और हमेशा जनता की आवाज़ को सबसे ऊंचे मंचों तक पहुंचाकर वास्तविक जनप्रतिनिधित्व की मिसाल बने।
-नेत्रदान कर अमर हो गए ‘दादा’जीवनभर सेवा को ही साधना मानने वाले कमलेश दादा ने जीवित रहते नेत्रदान किया था। उनके निधन की सूचना मिलते ही मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय, प्रयागराज की विशेषज्ञ टीम पहुंची और अत्यंत कुशलता पूर्वक उनका नेत्र निकालकर आगे की प्रक्रिया पूरी की। कमलेश दादा ने देहदान का संकल्प भी लिया था, परंतु आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध न होने के कारण देहदान की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। यह शहर की संवेदना में एक अतिरिक्त पीड़ा जोड़ गया।
-आंसुओं में डूबी शोकसभा, घाट पर उमड़ा जनसैलाबशुक्रवार को दारागंज घाट पर आयोजित भावुक शोकसभा का संचालन वरिष्ठ सभासद शिवसेवक सिंह ने किया। दादा के संघर्ष, उनके बेबाक स्वभाव और नि:स्वार्थ राजनीति की चर्चा करते हुए पूरे वातावरण को करुण और श्रद्धामय बना दिया, जिसमें शहर की राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक, न्यायिक धारा एक साथ उमड़ पड़ी। महापौर गणेश केशरवानी ने कहा कि कमलेश दादा संगम के अस्तित्व पर संकट की समस्या मेरे सामने लेकर आये थे, जिसके लिए जल मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को अग्रिम कार्यवाही के लिए वार्ता कर पत्र दिया हूं। पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह ने कहा कि हमने अपना एक कर्मयोगी खो दिया जो मेरी अपूर्णीय क्षति है।
इस अवसर पर वरिष्ठ सभासद आनंद घिल्डियाल, अजय यादव, सुनीता दरबारी, कुसुम लता, राजू शुक्ला, अशोक सिंह, मुकुंद तिवारी, भोला तिवारी, आशीष तिवारी, नेम यादव, दिलीप जायसवाल, कॉमरेड डॉ.कमल उसरी, कर्मचारी नेता रविशंकर मिश्र, अवनीश मिश्र, दिनेश गुप्ता, चन्द्र प्रकाश, आनंद अग्रवाल, वरिष्ठ पार्षद मुकेश लारा, पूर्व पार्षद अनिल गुप्ता, अशोक कुमार, वरिष्ठ समाजसेवी श्रीनारायण यादव, पूर्व सांसद नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल, ज्ञान सिंह पटेल, बसपा जिलाध्यक्ष एवं पूर्व पार्षद दिलीप चौरसिया, अमरजीत यादव, कई वरिष्ठ पूर्व पार्षद, हरिश्चंद्र द्विवेदी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पी.के. मिश्रा, जोनल अधिकारी संजय ममगई, देवेंद्र तिवारी (गंगा महासभा), गजेंद्र सिंह नैनी, हरिश्चंद्र सिंह (पूर्व ब्लॉक प्रमुख), पार्षद रणविजय सिंह सहित सैकड़ों समाजसेवी, व्यापारी, अधिवक्ता व नगरवासी उपस्थित रहे।वरिष्ठ पार्षद शिव सेवक सिंह ने कहा कि कमलेश दादा एक ऐसा नाम जो केवल बोला नहीं जाता, याद किया जाता है। न जनता से दूरी, न पद की लालसा, न किसी से भय। वे समाज के बीच रहते हुए समाज के लिए जीते रहे और अंत में अपना शरीर तक समाज को अर्पित कर गए। प्रयागराज की आत्मा में बसने वाले ऐसे कर्मयोगी को शहर सदैव आदरपूर्ण स्मरण रखेगा।परिवार का दायित्व और अंतिम संस्कार अंतिम समय में उनकी सेवा व देखभाल उनकी भांजी स्वाती (ममता) कर रही थीं। अंतिम संस्कार में उनके भतीजे तन्मय सिंह ने मुखाग्नि देकर उन्हें अंतिम विदाई दी।
हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र