सरसों की फसल से कम लागत में अधिक कमाने की प्रबल संभावना: डॉ राजेश राय

 




कानपुर,25 जनवरी (हि.स.)। सरसों की फसल में कम लागत में अधिक आय कमाने की प्रबल संभावना रहती है। खेती को लाभदायक बनाने के लिए खेती के साथ-साथ उद्यानकीय फसलों का समावेश, खेती से जुड़े हुए व्यवसाय, मूल्य संवर्धन एवं खेती की लागत को कम करने के लिए कई उपाय है। यह जानकारी गुरुवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कृषि विज्ञान केन्द्र दिलीप नगर में आयोजित एक दिवसीय प्रक्षेत्र दिवस के मौके पर प्रसार वैज्ञानिक डॉक्टर राजेश राय ने दी।

उन्होंने कृषकों को बताया कि सरसों, कुसुम, अलसी इत्यादि तिलहनी फसलों का समावेश कर खेती करनी चाहिए। कृषकों से कहा कि सरसों की फसल में कम लागत में अधिक आय कमाने की प्रबल संभावना रहती है। खेती को लाभदायक बनाने के लिए खेती के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों का समावेश, खेती से जुड़े हुए व्यवसाय, मूल्य संवर्धन एवं खेती की लागत को कम करने के लिए विभिन्न उपायों पर भी उन्होंने चर्चा की।

इस अवसर पर उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने निक्रा परियोजना के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। जिन जनपदों में जलवायु संबंधी समस्या होती है उन्हीं जनपदों का चयन इस परियोजना अंतर्गत किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य जलवायु अनुकूल कृषि तकनीकों को बढ़ावा देना है। तत्पश्चात खेतों पर जाकर सरसों फसल को भी कृषकों द्वारा देखा गया। जहां कृषकों ने प्रसन्नता व्यक्त की। इस अवसर पर पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर शशिकांत, शुभम यादव, चरण सिंह सहित अन्य कृषक उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/मोहित