दीवाली के बाद हवाओं की दिशाएं शांत होने से बढ़ा प्रदूषण

 


कानपुर, 15 नवम्बर (हि.स.)। दीपावली का त्योहार हो गया, लेकिन इस पर्व पर छुटाए गये पटाखों का असर अब भी देखने को मिल रहा है। इसके पीछे हवाओं की दिशाएं शांत होना भी एक कारण है। इससे ज्यादातर बड़े शहरों में प्रदूषण अधिक है और सांस लेने में भी लोगों को तकलीफ हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि हवाएं जब तेज चलेंगी और आसमान भी साफ होगा तभी प्रदूषण में कमी आएगी।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पाण्डेय ने बुधवार को बताया कि एक डिप्रेशन पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 14.1 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 86.5 पूर्वी देशांतर के करीब है। यह 16 नवंबर की सुबह तक उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा और दीप डिप्रेशन में बदल सकता है। इसके बाद यह दिशा बदल देगा और उत्तर-पूर्व दिशा में यात्रा शुरू कर देगा। दक्षिण तमिलनाडु तट पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इससे उत्तर प्रदेश के आसमान में बादलों की आवाजाही तो बनी रहेगी लेकिन बारिश के आसार नहीं है। जब तक बारिश या आसमान साफ नहीं होता तब तक प्रदूषण के कण आसमान में विद्यमान रहेंगे।

डॉ. एसएन सुनील पाण्डेय ने बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 27.4 और न्यूनतम तापमान 13.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 91 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 77 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं शांत रहीं जिनकी औसत गति 1.1 किमी प्रति घंटा रही। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार कानपुर में अगले पांच दिनों में हल्के बदलों की आवाजाही रहने के साथ तापमान में उतार चढ़ाव बना रहेगा लेकिन वर्षा की कोई संभावना नहीं है।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/पदुम नारायण