प्रधानमंत्री कल 41,000 करोड़ की दो हजार से अधिक रेल अवसंरचना परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन करेंगे

 


-21,520 करोड़ की लागत से पूरे देश में निर्मित 1500 आरओबी और आरयूबी का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को करेंगे समर्पित

-प्रधानमंत्री 19,000 करोड़ की लागत से अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 553 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास करेंगे

-प्रधानमंत्री पुनर्विकसित गोमती नगर रेलवे स्टेशन का करेंगे उद्घाटन

प्रयागराज, 25 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 26 फरवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की लगभग 2,000 रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने लगातार रेलवे स्टेशनों पर विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया है। इस प्रयास के तहत एक बड़े कदम के रूप में प्रधानमंत्री अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 553 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास करेंगे। 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित इन स्टेशनों का 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकास किया जाएगा। ये स्टेशन शहर के दोनों किनारों को एक साथ मिलाते हुए ’शहर के केंद्र’ के रूप में कार्य करेंगे। इन स्टेशनों पर आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध होगी। इनमें छत प्लाजा, सुंदर भूदृश्य, इंटर मॉडल कनेक्टिविटी, बेहतर आधुनिक फेकेड, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, कियोस्क, फूड कोर्ट आदि शामिल हैं। साथ ही, इन्हें पर्यावरण और दिव्यांगों के अनुकूल पुनर्विकसित किया जाएगा। इन स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा।

इसके अलावा प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश में गोमती नगर स्टेशन का उद्घाटन करेंगे, जिसका लगभग 385 करोड़ रुपये की कुल लागत से पुनर्विकास किया गया है। भविष्य में यात्रियों की बढ़ती संख्या देखते हुए इस स्टेशन पर आगमन और प्रस्थान सुविधाओं को अलग कर दिया गया है। यह शहर के दोनों हिस्सों को जोड़ता है। इस केंद्रीय वातानुकूलित स्टेशन में आधुनिक यात्री सुविधाएं हैं।

इसके अलावा प्रधानमंत्री 1500 रोड ओवरब्रिज और अंडरपास का शिलान्यास करेंगे। ये रोड ओवरब्रिज और अंडरपास 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित हैं। लगभग 21,520 करोड़ रुपये की लागत से इन परियोजनाओं का निर्माण किया गया है। इन परियोजनाओं से भीड़ कम होगी, सुरक्षा व कनेक्टिविटी बढ़ेगी और रेल यात्रा की क्षमता व दक्षता में सुधार होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/प्रभात