पीसीएस अधिकारी प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ : मुख्यमंत्री
- प्रांतीय सिविल सेवा के 2021 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात
लखनऊ, 31 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बुधवार को यहां उनके सरकारी आवास पर प्रांतीय सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) के वर्ष 2021 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पीसीएस अधिकारी प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ हैं। कानून-व्यवस्था और विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में इन अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का लाभ जनता तक पहुंचे, इसके लिए जरूरी है कि प्रशासनिक अधिकारी तमाम विषयों और मुद्दों से भली-भांति परिचित हों। उन्हें अपने दायित्वों का भली प्रकार निर्वहन करने के लिए परिश्रमी और तेजी से फैसले लेने में भी सक्षम होना चाहिए। साथ ही, मामलों का निस्तारण पारदर्शी तथा समयबद्ध ढंग से किया जाना चाहिए। अधिकारियों को व्यवस्था के प्रति जवाबदेह होने के साथ ही, गरीब, कमजोर तथा वंचित वर्ग के हितों के प्रति सचेत व संवेदनशील होना चाहिए।
योगी ने कहा कि आप सभी अधिकारी उस महत्वपूर्ण कड़ी का हिस्सा बनने जा रहे हैं, जहां आम जनमानस की समस्याओं को बहुत नजदीक से सुनने का अवसर मिलेगा। एक कामन मैन की पीड़ा को सुनने का अवसर प्राप्त होगा। व्यक्ति तभी फेल होता है, जब वह छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करता है। आपके लिए छोटी सी चीज दूसरे के लिए बड़ी भी हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेत की पैमाइश आपके लिए छोटी हो सकती है लेकिन जिसका परिवार उस खेत पर आश्रित है, यदि कोई दबंग व्यक्ति उस गरीब व्यक्ति के खेत पर जबरदस्ती कब्जा करना चाहता है, वह उस पीड़ित व्यक्ति के लिए बहुत बड़ी घटना होती है। उस स्थिति में खेत की पैमाइश की उसकी मांग उसे तत्काल राहत और न्याय दिला सकती है। राजस्व से जुड़े मामलों को लंबित न रखा जाए। इससे आम आदमी प्रभावित होता है। ऐसे मामलों के लंबित रहने की दशा में तमाम दावेदार आ जाते हैं, जिससे अंततः विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संवाद लोकतंत्र की ताकत है। हमें इस ताकत का इस्तेमाल करना होगा। आपकी सबसे बड़ी ताकत ह्यूमन इंटेलीजेंस है। आपका व्यावहारिक पक्ष अच्छा है तो जनता की समस्याएं नहीं अटकेंगी और जनप्रतिनिधियों के साथ भी आपका बेहतर संवाद होगा। समस्याओं से जुड़े स्थलों जैसे- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, थाना इत्यादि से संवाद स्थापित कर मेरिट के आधार पर शिकायतों व समस्याओं का निस्तारण करें। समस्याओं के निस्तारण के प्रति आप सभी को आग्रही बनना होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आईजीआरएस पोर्टल, सीएम हेल्पलाइन, तहसील दिवस तथा थाना दिवस की व्यवस्था को और प्रभावी बनाया गया है। शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही समस्या के निस्तारण का अंतिम मापदंड है। जनता से प्राप्त शिकायतों में 90 प्रतिशत शिकायतें थाना और तहसील से सम्बन्धित होती हैं। अपने कार्य क्षेत्र में प्रत्येक कार्य दिवस में जनसुनवाई करें। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/पवन