सुहागिनों ने सोलह श्रृंगार कर पति की दीर्घायु के लिए रखा करवाचौथ का उपवास
- रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति का किया दीदार
मुरादाबाद, 01 नवम्बर (हि.स.)। करवाचौथ का त्योहार जिले भर में हर्षाेल्लास और धूमधाम के साथ मनाया गया। सुहागिनों ने सोलह श्रृंगार कर पति की लंबी आयु के लिए दिनभर उपवास रखा और रात्रि में साढ़े आठ बजे चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति का दीदार किया। इसके बाद सजना के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोला।
बुधवार को सुहाग का प्रतीक त्योहार करवाचौथ जिले भर में उमंग और उत्साह के साथ मनाया गया। त्योहार को लेकर सुहागिन उत्साहित रही। दुल्हन की तरह सोलह शृंगार किया। हाथों पर सजना के नाम की मेहंदी रचाई व पांवों में महावर लगाया। चांदी की नई पाजेब और बिछुवे पहने। सुबह स्नान कर महिलाओं ने करवाचौथ का व्रत रखा। दोपहर के समय विधिविधान के साथ करवाचौथ व्रत की कथा कही। पूजा अर्चना आदि की गई। शाम के समय करवों का पूजन किया गया। कई जगहों पर सामूहिक करवाचौथ का पूजन किया गया। इसके बाद महिलाओं ने पति की पसंद का घरों में विभिन्न प्रकार के लजीज पकवान बनाए। घरों में चहल-पहल देखी गई। वहीं, महिलाओं ने चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार किया। रात्रि में छलनी में जलता हुआ दीपक रखकर चंद्रमा और पति का दीदार किया। पति की लंबी आयु के लिए चंद्रमा को अर्घ्य देकर कामना की। इसके बाद पति के हाथों से पानी पीकर सजनी ने व्रत खोला।
पति ने दिए सरप्राइज गिफ्ट
पूरे दिन भूखी प्यासी रहकर पति की दीर्घायु को व्रत रखने वाली पत्नी को सरप्राइज गिफ्ट देने से पति भी नहीं चूके। जब पति देव की तरफ से उन्हें सरप्राइज गिफ्ट मिला तो वह दिनभर की भूख प्यास भूल गयीं, उनके चेहरों पर रौनक आ गई। अच्छे और आकर्षक उपहार मिलने के साथ ही सुहागिनों ने पति के साथ मंदिर जाकर विशेष पूजा अर्चना भी की। यही नहीं कुछ परिवारों ने तो पति के साथ रेस्टोरेंट आदि में जाकर त्योहार को सेलीब्रेट किया।
द्रोपदी ने रखा था करवा चौथ का व्रत
श्री हरि ज्योतिष संस्थान लाइनपार के संचालक पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि मान्यता है कि द्रोपदी ने करवा चौथ का व्रत रखा था। एक दिन अर्जुन नीलगिरी पर्वत गए। पीछे से पांडवों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा। द्रोपदी ने भगवान कृष्ण से सहायता मांगी। उन्होंने द्रोपदी को बताया कि ऐसी संकट की घड़ी में पार्वती जी ने शिव जी से पूछा था कि क्या किया जाए? उन्होंने संकट से उबरने के लिए करवा चौथ व्रत रखने की सलाह दी थी। इसके बाद द्रोपदी ने करवा चौथ का व्रत रखा और पांडवों का संकट टल गया। तभी से सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु और उनके संकट हरण को करवा चौथ का व्रत रखती हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/निमित/राजेश