मार्गशीर्ष शनि अमावस्या पर श्रद्धाुलओं ने पवित्र गंगा में लगाई डुबकी,दानपुण्य किया

 




वाराणसी,30 नवम्बर (हि.स.)। मार्गशीर्ष अमावस्या पर शनिवार को श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के बाद गंगा घाटों पर दानपुण्य किया।

शनिचरी अमावस्या पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु अलसुबह से ही गंगा घाटों पर पहुंचने लगे। प्राचीन दशाश्वमेधघाट ,अहिल्याबाई,पंचगंगा,अस्सी,सामनेघाट और रामनगर बलुआघाट पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही।

परम्परानुसार लोगों ने स्नान दान के बाद श्री हरि के आराधना के साथ हनुमत मंदिरों में हाजिरी लगाई। कर्मकांडी प्रदीप पांडेय ने बताया कि मार्गशीर्ष अमावस्या पर लोगों ने अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म भी किया। उन्होंने बताया कि पंचांग भेद के कारण दो दिन अमावस्या मनाई जा रही है। 30 नवंबर शनिवार को पूर्वाह 9:52 के बाद से अमावस्या शुरू हुई। जो अगले दिन 1 दिसंबर रविवार को दिन में 11:17 तक रहेगी। ऐसे में श्राद्ध आदि के लिए अमावस्या शनिवार को मन रहा है। स्नान दान के लिए अमावस्या रविवार को भी मनेगा। उन्होंने बताया कि शनिवार को पितरों के लिए धूप-ध्यान करने के साथ ही शनि देव के लिए भी विशेष धर्म-कर्म किए जाते हैं। तो कुंडली के शनि दोषों का असर कम होता है। शनि अमावस्या पर शनिदेव के प्रकोप को शांत करने के लिए अच्छा दिन माना जाता है। शनि अमावस्या के दिन शनि संबंधित वस्तुओं का दान करना शुभ होता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी