उप्र में कृषि और बागवानी में अवसरों की भरमार: दिनेश प्रताप सिंह
लखनऊ, 31 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में कृषि और बागवानी के क्षेत्र में कई नए अवसरों का उदय हो रहा है और राज्य की योगी सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है। राज्य के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने शनिवार को भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद (आई.सी.एफ.ए.) द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश राज्य कृषि सम्मेलन 2024 में इन योजनाओं और प्रयासों पर प्रकाश डाला।
उद्यान मंत्री ने सम्मेलन में बताया कि आधुनिक कृषि तकनीकों जैसे-ड्रिप इरिगेशन, जैविक खेती, और स्मार्ट खेती के उपयोग से राज्य में कृषि उत्पादन को बेहतर किया जा सकता है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इन तकनीकों को अपनाएं ताकि कृषि को अधिक लाभदायक बनाया जा सके। श्री सिंह ने कहा कि यूपी सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाएं किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेंगी और बढ़ते उत्पादन के माध्यम से उनकी आय में वृद्धि सुनिश्चित करेंगी।
मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य के कृषि उत्पादों की गुणवत्ता को सुधारने और उन्हें बेहतर तरीके से पैकेजिंग कर निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस कदम से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि किसानों को भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनके उत्पादों के लिए बेहतर कीमत प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने फल, फूल, मसाला और सब्जियों की खेती को किसानों की आय में वृद्धि के प्रमुख साधनों के रूप में बताया।
दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि राज्य में किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों से जोड़ने और उन्हें जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से किसान नई कृषि पद्धतियों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और उन्हें अपने खेतों में लागू कर सकेंगे। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि, कृषि क्षेत्र में नवाचार और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना था।
सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के कृषि पर प्रभाव और उससे निपटने के उपायों पर भी विचार-विमर्श किया गया। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों की भूमिका पर भी चर्चा हुई। कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन के लिए नई रणनीतियों पर भी जोर दिया गया ताकि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके।
इस अवसर पर गैब्रियल पी. सिनिमनो, हाई कमिश्नर नामीबिया, डॉ. पूनम मालकोंडिया, पूर्व अपर मुख्य सचिव, आंध्र प्रदेश सरकार, डॉ. एम. जे. खान, अध्यक्ष, आई.सी.एफ.ए. भी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन यादव