ग्रीनपार्क स्टेडियम की उपेक्षा करने में एक बार फिर से यूपीसीए सफल!
कानपुर, 09 जून (हि.स.)। इसे उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की उदासीनता कहें या फिर उसके भीतर चल रहे अर्न्तद्वन्द की कहानी। कई सालों से अन्तर्राष्ट्रीय मैचों का दंश झेल रहा ग्रीनपार्क स्टेडियम एक बार फिर से उपेक्षा का शिकार हो गया है। इस बार घरेलू क्रिकेट शृंखला के मैचों के लिए भी उसे संघ की ओर से उपयुक्त नहीं माना गया है। इसके उलट हाल ही सम्पन्न आईपीएल सत्र के 17 वें संस्करण की सफलता का इनाम लखनऊ के इकाना स्टेडियम को अवश्य ही मिल गया है।
क्रिकेट के जानकार पूर्व अर्न्तराष्ट्रीय खिलाड़ी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कहीं न कहीं इसके पीछे संघ के भीतर चल रहे आपसी विवाद हैं। नगर के कुछ और चुनिन्दा क्रिकेटरों ने नगर और प्रदेश के सबसे पहले घोषित अन्तर्राष्ट्रीय ग्रीनपार्क स्टेडियम में रणजी मैचों के आवंटन न किए जाने के लिए प्रदेश क्रिकेट संघ को पूरी तरह से दोषी माना है।
गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने वर्ष 2024-25 के नए सत्र के लिए अपने घरेलू मैचों के कार्यक्रम का विस्तृत कार्यक्रम घोषित कर दिया है। इसके मुताबिक इस बार नए सीजन की शुरुआत पांच सितंबर से दलीप ट्रॉफी के साथ होगी। इसके लीग मैच अनंतपुर में खेले जाएंगे। इस सीजन के घरेलू सत्र के जारी कैलेंडर में काफी टूर्नामेंट के आयोजन स्थल भी घोषित किए गए हैं। इसमें कानपुर के ग्रीनपार्क का नाम शामिल नहीं है। हालांकि लखनऊ के इकाना स्टेडियम को विजय मर्चेंट ट्रॉफी और सीनियर महिला टी-20 के लीग मैचों की मेजबानी मिली है।
ग्रीनपार्क में बड़े मैच न होना दुखद
देश की सबसे बड़ी घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी की शुरुआत 11 अक्तूबर से होगी। रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की टीम इस बार एलीट ग्रुप-सी में है। यूपी टीम पिछले सीजन में ग्रुप-बी में थी और छठवें स्थान पर रहकर नॉक आउट स्टेज से पहले ही बाहर हो गई थी। बीते सत्र के तीन घरेलू रणजी ट्राफी के मैचों का सफल आयोजन को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया। नगर के एक पूर्व जूनियर अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेटर ने इस बारे में कहा कि अगर यहां पर मैच होते हैं तो देश की विभिन्न टीमों के खिलाड़ी आते हैं, वहीं खिलाड़ी कभी भारतीय टीम का भी हिस्सा रहे होते हैं, तो उदीयमान क्रिकेटरों को अपने आदर्श खिलाड़ियों को खेलते देखने का अनुभव प्राप्त होता है। ग्रीनपार्क में घरेलू मैचों के आयोजित न किए जाने से नगर के प्रतिभावान खिलाड़ियों को बड़ा क्रिकेट देखने को नहीं मिल पाएगा। यह बहुत ही दुखद विषय है। नगर के एक और क्रिकेटर ने बताया कि ग्रीनपार्क को उपेक्षा का शिकार बनाने में यूपीसीए के निकृष्ट कर्मचारियों का बहुत बड़ा योगदान है, जिसे नहीं होना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/सियाराम