ओबरा-सी पावर प्लांट की पहली यूनिट से विद्युत उत्पादन शुरू, ऊर्जा मंत्री ने दी बधाई

 


लखनऊ, 27 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश ने विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल किया है। ओबरा-सी 2×660 मेगावाट पावर प्लांट की पहली यूनिट से मंगलवार को अपराह्न 2.30 बजे पूर्ण क्षमता से विद्युत का उत्पादन शुरू हो गया है। इस प्लांट के पूर्ण रूप से चालू होने से उत्तर प्रदेश की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता में 10 प्रतिशत की और वृद्धि होगी।

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने पावर प्लांट के पूरी क्षमता से चालू होने पर ऊर्जा क्षेत्र के सभी कार्मिकों को बधाई दी है तथा इस सफलता के लिए प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन को योगी सरकार प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाकर साकार करेंगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश अपने दोगुना विद्युत उत्पादन के लक्ष्य को पूरा कर लेगा। जल्द ही तापीय और सोलर ऊर्जा के माध्यम से प्रदेश के लोगों को भरपूर और निर्बाध बिजली मिलेगी।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि ओबरा सी 2×660 मेगावाट क्षमता का पावर प्लांट सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी आधारित प्रोजेक्ट है और यह प्लांट 13,005 करोड रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी आधारित यह पावर प्लांट पर्यावरण के मानक के अनुरूप होगा तथा जीरो लिक्विड डिस्चार्ज से युक्त होगा। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने इस प्लांट से उत्पादित विद्युत का 100 प्रतिशत विद्युत क्रय हेतु अनुबंध किया हुआ है।

उन्होंने बताया कि ओबरा-सी 660 मेगावाट की प्रथम यूनिट से विद्युत का कामर्शियल उत्पादन भी शीघ्र ही शुरू हो जाएगा। पॉवर प्लांट का उदघाटन के बाद लोगों के उपभोग के लिए विद्युत् आपूर्ति शुरू हो जाएगी।

मंत्री ने बताया कि एटा की जवाहरपुर पॉवर प्लांट की प्रथम यूनिट से भी 660 मेगावाट विद्युत उत्पादन शीघ्र ही शुरू हो जायेगा। साथ ही जवाहरपुर की 660 मेगावाट की दूसरी यूनिट से भी फरवरी, 2024 तक में विद्युत के उत्पादन की शुरूआत हो जायेगी। इस प्रकार प्रदेश को कुल 1920 मेगावाट क्षमता की विद्युत और मिलने लगेगी। अभी ओबरा-सी की दूसरी यूनिट, पनकी, और ओबरा-डी आना बाकी है।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इसके साथ ही ओबरा-डी की 2×800 मेगावाट के दो पावर प्लांट लगाने का अनुबंध एनटीपीसी के साथ हो चुका है। इसी प्रकार अनपरा में भी 2×800 मेगावाट की दो यूनिटें लगाने के लिए एनटीपीसी के साथ अनुबंध है। मेजा की 660 मेगावाट के प्लांट का विस्तार करने के लिए एनटीपीसी सहयोग कर रहा है। पनकी में भी 660 मेगावाट की एक यूनिट के विस्तार के बाद अगले वर्ष से पूर्णतया कार्य करने लगेगा। घाटमपुर में भी 3×660 मेगावाट की तीन यूनिटों को स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी हमारी थर्मल पावर प्लांट से विद्युत उत्पादन की कुल क्षमता 6100 मेगावाट है। इन सभी इकाइयों के कार्य करने से इतनी ही क्षमता का और विद्युत उत्पादन प्रदेश में होने लगेगा।

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार सौर ऊर्जा से भी 7000 मेगावाट विद्युत उत्पादन के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है। रूफटाप सोलर को भी सरकार बढ़ावा दे रही। सौर ऊर्जा को दिन में स्टोर करने के लिए पम्प स्टोरेज प्रोजेक्ट साइन किये गये हैं। इससे 12 हजार मेगावाट क्षमता के पम्प स्टोरेज लगाये जा सकेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/पीएन द्विवेदी/दिलीप