भगवान राम मर्यादा, माता सीता शक्ति और हनुमान भक्ति के देवता : शंकराचार्य वासुदेवानंद

 


प्रयागराज, 24 दिसम्बर (हि.स.)। श्रीमज्ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती के सानिध्य में श्रीमद्भागवत कथा में शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने बताया कि भगवान राम मर्यादा, माता सीता शक्ति और हनुमान जी भक्ति के देवता हैं।

रविवार को भगवान शंकराचार्य मंदिर ब्रह्मनिवास अलोपीबाग में आयोजित नौ दिवसीय आराधना महोत्सव में शंकराचार्य वासुदेवानंद ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने प्रभु श्रीराम, माता सीता, कुंवर लखन लाल एवं श्री हनुमान के गुण, स्वभाव एवं दयालुता का वर्णन करते हुए लिखा है कि पवन तनय संकट हरण मंगल मूरति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुरभूप। प्रभु हनुमान जी के प्रति यह वन्दना-कामना मुझको और और आप सबको भी हृदय व मन मस्तिष्क से करना चाहिए। छल कपट छोड़कर पूर्ण समर्पण के साथ ऐसा करने से निश्चय ही शुभ मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

शंकराचार्य ने पूर्वान्ह 11 बजे मां गंगा तट, बांध पर स्थित श्रीराम जानकी मंदिर में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान आदि देवताओं की मूर्ति पर पूजा माल्यार्पण और आरती किया। उन्होंने बताया कि उक्त मंदिर का जीर्णोद्धार पूर्व श्रीमज्ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी शान्तानंद सरस्वती ने कराया था।

श्रीमद्भागत कथा में कथा व्यास जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामानन्ददास, श्री राम कुन्ज अयोध्या ने बड़ी संख्या में उपस्थित भक्तों का आवाहन किया कि आप स्वयं एवं अपने बच्चों को व्यर्थ के कार्यों व मोबाइल से हटाकर श्रीराम कथा व श्री भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। जिससे सद्बुद्धि आती है और सेवा कार्य की प्रेरणा मिलती है। श्रीमद्भागवत कथा में ब्रह्मचारी गिरीश, दण्डी संन्यासी विनोदानंद, ब्रह्मानंद सरस्वती, ब्रह्मदत्तपुरी, शंकरानंद, पूर्व प्रधानाचार्य पं. शिवार्चन उपाध्याय, आचार्य विपिन, वेदप्रकाश शर्मा, आचार्य अभिषेक मिश्र, आचार्य मनीष, जितेन्द्र, रिषु मिश्रा, आचार्य भगवानदास, रामनारायण, ओम नारायण सहित बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/प्रभात