महाकुम्भ मेला क्षेत्र में होगी ’नेत्र कुम्भ’ की स्थापना

 


-श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों की सुविधा के लिए योगी सरकार की पहल

-नेत्र कुम्भ की परियोजना पर 9.15 करोड़ रुपये की आएगी कुल लागत

प्रयागराज, 13 अक्टूबर (हि.स.)। योगी सरकार संगमनगरी में होने जा रहे ऐतिहासिक महाकुम्भ 2025 को भव्य, दिव्य, सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए दिन रात काम कर रही है। जिसके अंतर्गत श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसी क्रम में मेला प्रशासन द्वारा मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं एवं स्नानार्थियों के लिए नेत्र कुम्भ की स्थापना भी की जा रही है। 9 करोड़ से अधिक धनराशि से स्थापित होने वाला यह नेत्र कुम्भ (नेत्र शिविर) श्रद्धालुओं को एक अस्थाई नेत्र देखभाल सुविधा प्रदान करेगा।

मेले के दौरान श्रद्धालुओं की दृष्टि सुधार, मोतियाबिंद सर्जरी और चश्मे का वितरण जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी। नेत्र कुम्भ के लिए एक बड़ी केंद्रीय इकाई मुख्य मेला क्षेत्र में स्थापित की जाएगी जो प्राथमिक नेत्र देखभाल केंद्र के रूप में कार्य करेगी।

हजारों श्रद्धालुओं को मिलेगा लाभ

महाकुम्भ में रिकॉर्ड संख्या में पूरे देश और दुनिया से श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। योगी सरकार और मेला प्रशासन इन श्रद्धालुओं के लिए महाकुम्भ को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए अपनी ओर से शत प्रतिशत प्रयास कर रहा है। नेत्र कुम्भ की स्थापना में 9.15 करोड़ रुपये से अधिक का बजट प्रस्तावित किया गया है। इसके माध्यम से महाकुम्भ के दौरान स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की नेत्र देखभाल सुरक्षित की जा सकेगी। यदि किसी श्रद्धालु को मोतियाबिंद सर्जरी की आवश्यकता होगी तो उसका भी प्रबंध किया जाएगा। वहीं नेत्र चेकअप के साथ ही चश्मे का वितरण भी सुनिश्चित किया जाएगा। जिससे हजारों श्रद्धालुओं को इसका लाभ मिल सकेगा।

नेत्र स्वास्थ्य और नियमित जांच के प्रति किया जाएगा शिक्षित

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह नेत्र कुम्भ पूरी तरह श्रद्धालुओं की पहुंच में होंगे। तीर्थयात्रियों की आसान पहुंच के लिए इसे रणनीतिक रूप से कुम्भ मेला परिसर के अंदर ही स्थापित किया जाएगा। इसमें तीर्थयात्रियों और संतों की व्यापक स्तर पर आंखों की जांच सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए शिविर में नेत्र परीक्षण के लिए आवश्यक आधुनिक उपकरणों को लगाया जाएगा। जांच के दौरान दृष्टि दोष वाले व्यक्तियों को चश्मा वितरित किया जाएगा। जबकि जिन मामलों में अधिक गम्भीर समस्या पाई जाएगी वहां भागीदार अस्पतालों में मोतियाबिंद सर्जरी और अन्य आवश्यक उपचार की व्यवस्था की जाएगी। नेत्र देखभाल सेवाओं के साथ-साथ पहल का उद्देश्य लोगों को नेत्र स्वास्थ्य और नियमित जांच के महत्व को समझाना और उन्हें शिक्षित करना है।

डिजिटली सुरक्षित रखा जाएगा रोगियों का डाटा

श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों की जांच के माध्यम से एकत्र किए गए नेत्र स्वास्थ्य डाटा को डिजिटली सेव किया जाएगा। इससे रोगियों की स्थिति पर नजर रखने और आवश्यकता पड़ने पर इसका फॉलोअप किया जा सकेगा और आवश्यक देखभाल प्रदान करने में मदद मिलेगी। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। यहां पर्याप्त संख्या में नेत्र विशेषज्ञों को भी नियुक्त किया जाएगा और आवश्यक उपकरणों के साथ ही पर्याप्त मात्रा में दवाइयों की भी उपलब्धता रहेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र