प्रदेश में निर्माणाधीन सेतुओं की गुणवत्ता में लापरवाही बर्दाश्त नहीं : जितिन प्रसाद

 


लखनऊ, 31 जनवरी (हि.स.)। लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में निर्माणाधीन सेतुओं की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार कमी नहीं होनी चाहिए। पुलों का निर्माण शुरू होने से लेकर पूरा होने तक जनपद एवं मंडल स्तर पर प्रत्येक चरणों में गुणवत्ता जांच की जाए। इसके लिए मानक भी तय की जाए। ख्याति प्राप्त शैक्षणिक संस्थाओं से सेतुओं का थर्ड पार्टी ऑडिट भी कराया जाए। उन्होंने गुणवत्ता की जांच के लिए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) बनाने और सभी यूनिटों की रैंडम चेकिंग कराने के भी निर्देश अधिकरियों को दिए।

लोक निर्माण मंत्री ने उप्र राज्य सेतु निगम लिमिटेड में निर्माणाधीन सेतु परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान कहा कि आगरा अंचल में 30, अयोध्या में 35, आजमगढ़ में 10, बरेली में 26, गाजियाबाद में 53, गोरखपुर में 18, कानपुर में 32, लखनऊ में 28, प्रयागराज में 33 तथा वाराणसी अंचल में 52 कुल 292 सेतु परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।

निर्माणाधीन सभी सेतुओं को तय समय के अंदर गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा किया जाए। परियोजना में विलंब होने पर रिवाईज स्टीमेट भेजने वाले अभियंताओं की जवाबदेही तय की जाएगी। उचित कारण न होने पर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई होगी। साथ ही सेतुओं के निर्माण में विलंब कराने वाले कांट्रेक्टर को डिबार भी किया जाएगा।

शासन का सख्त निर्देश है कि 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण के पश्चात ही नई परियोजना को शुरू किया जाए। परियोजना शुरू होने के बाद भूमि अधिग्रहण में विलम्ब होने से सेतुओं की कॉस्ट अनावश्यक रूप से बढ़ जाती है और सरकार को आर्थिक क्षति भी होती है। ऐसी स्थिति बिल्कुल नहीं आनी चाहिए।

लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि गुणवत्ता एवं पारदर्शिता की दृष्टि से सेतुओं के निर्माण के लिए टेंडर में प्रहरी की तरह प्रक्रिया अपनाई जाए। टेंडर के लिए सेतु निगम के महाप्रबंधक की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाए। इसमें चीफ इंजीनियर सेतु को भी सदस्य नामित किया जाए। विभाग में जितनी जांचे लंबित हैं, उसका तत्काल निस्तारण किया जाये। अंडर कंस्ट्रक्शन ब्रिजों में रूट डायवर्जन सुव्यवस्थित ढंग से होना चाहिए, ताकि नागरिकों को आवागमन में कठिनाई न हो।

लोक निर्माण राज्यमंत्री बृजेश सिंह ने सभी अभियंताओं को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि समय-समय पर उनके द्वारा भी निर्माणाधीन ब्रिजों का निरीक्षण जाएगा। यदि किसी भी प्रकार की लापरवाही पाई गई तो दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/दीपक/आकाश