पुरानी पेंशन बहाल न होने पर होगा देशव्यापी हड़ताल : एआईआरएफ
--अधिवेशन में कुल 13 प्रस्तावों पर हुई चर्चा
प्रयागराज, 12 नवम्बर (हि.स.)। विगत दिनों ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) का 99वॉ वार्षिक महाअधिवेशन परेल मुम्बई में हुआ, जिसमें तमाम वक्ताओं ने नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) को समाप्त करके पुरानी पेंशन की बहाली के आंदोलन का उद्घोष किया। निर्णय लिया गया कि यदि सरकार जल्द पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा नहीं करती है तो एआईआरएफ और उसके घटक यूनियन के साथ एनजेसीए से जुड़े हुए तमाम स्टेट गवर्नमेंट की कर्मचारी यूनियनें व शिक्षक कश्मीर से कन्याकुमारी तक हड़ताल पर जाएंगे।
एनसीआरएमयू के शाखा मंत्री व मीडिया प्रभारी नागेन्द्र बहादुर सिंह ने रविवार को कहा कि अधिवेशन में निर्देशित किया गया कि हड़ताल पर जाने के लिए सभी कर्मचारियों से 21 व 22 नवम्बर को स्ट्राइक वॉलेट द्वारा सहमति ली जाएगी। तत्पश्चात् पुरानी पेंशन बहाली के स्ट्राइक की तिथि घोषणा की जाएगी। इसके अलावा कोविड पीरियड के रोके गए डीए (18 माह) के एरियर का भुगतान ब्याज के साथ कराया जाए।
महिला सहायक लोको पायलटों, महिला पायलटो, महिला ट्रैक मैंटरों, महिला ट्रेन मैनेजरों की कोर्ट परिवर्तन, रेलवे निजीकरण, निगमीकरण, मौद्रिकरण रोकने, रेलवे में रिक्त पड़े लाखों पदों को भरने, आठवें वेतन आयोग का गठन, बोनस की अदायगी कर्मचारियों के वेतन 7000 की सीलिंग को समाप्त कर 18000 के आधार पर करने की अदायगी आदि कुल 13 प्रस्तावों पर चर्चा की गई। इन तमाम मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन छेड़ने के प्रस्ताव पर समर्थन पारित किए गए।
अंत में एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने सभी को आगाह किया कि चुनाव से पहले यदि सरकार पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा नहीं करती है तो हड़ताल के लिए तैयार रहने के लिए कहा। नॉर्थ सेंट्रल रेलवे प्रयागराज जोन से नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री व ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के उपाध्यक्ष आरडी यादव ने कहा कि हड़ताल ऐसी होगी की पूरे नार्थ सेंट्रल रेलवे जोन का चक्का पूरी तरह रुक जाएगा।
उन्होंने आगाह किया कि पिछली हड़तालों में जो यूनियनें पाल्हा बदलकर तत्कालीन सरकार के वफादार हो गए थे और वफादारी के कारण ही उनके बच्चों को नौकरी, प्रोन्नति और पुरस्कार सहित तमाम सुविधाएं दी गई। ऐसी यूनियनों और उनके पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं से सावधान रहने की जरूरत है।
हिन्दुस्थान समाचार/ विद्या कान्त/चंद्र प्रकाश