राष्ट्रीय लोक अदालत में 2,03,053 वादों का रिकॉर्ड निस्तारण
प्रयागराज, 09 दिसम्बर (हि.स.)। जनपद न्यायाधीश-अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जनपद न्यायालय प्रयागराज व समस्त तहसीलों में दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ किया गया। जिसमें कुल 2,03,053 वादों का निस्तारण किया गया।
यह जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव सुभाष चंद्र मौर्य ने देते हुए बताया कि जनपद न्यायाधीश द्वारा 3 सिविल वाद निर्धारित किए गए। फौजदारी के कुल 3326 वादों का निस्तारण किया गया। प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय बालमुकुंद द्वारा 19 वादों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते के आधार पर किया गया। पारिवारिक न्यायालय द्वारा कुल 61 वादों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते के आधार पर किया गया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण पीठासीन अधिकारी उत्तरी राम कुशल द्वारा 220 वादों का निस्तारण करते हुए कुल 8,28,23,235 रुपए प्रतिकर प्रदान कराया गया।
मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण पीठासीन अधिकारी दक्षिणी प्रदीप कुमार द्वारा 74 वादों का निस्तारण करते हुए कुल 3,94,96,418 रु. प्रतिकर प्रदान कराया गया। रामकेश पीठासीन अधिकारी कामर्शियल कोर्ट द्वारा 25 वादों का निस्तारण किया गया। दिनेश चंद्र पीठासीन अधिकारी भूमि अधिग्रहण अधिनियम द्वारा 5 वाद निस्तारित किए गए। चंद्रपाल द्वितीय अपर जनपद न्यायाधीश इ सी एक्ट द्वारा विद्युत के 600 मामलों का निस्तारण किया गया। डॉ लकी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 1870 वाद, अमित कुमार रेलवे मजिस्ट्रेट द्वारा 1197 वाद, श्रीमती दीक्षाश्री वर्चुअल कोर्ट ट्रैफिक द्वारा कुल 10500 फ्री लिटिगेशन वाद निस्तारित किए गए। राजस्व न्यायालय के द्वारा कुल 131902 वादों का निस्तारण किया गया। बैंक के प्री लिटिगेशन के 1700 मामले निस्तारित किए गए। रवि कांत द्वितीय नोडल अधिकारी-एडीजे लोक अदालत के निर्देशन में समस्त विभागों से समन्वय स्थापित कर लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/आकाश