नमामि गंगे की मूर्तियों को इको-फ्रेंडली विसर्जित करने की अपील

 


वाराणसी, 14 नवम्बर (हि.स.)। पांच दिवसीय दीप पर्व के तीसरे दिन मंगलवार को नमामि गंगे ने आमजन से मूर्तियों का इको-फ्रेंडली विसर्जन की अपील की है। मंगलवार को नमामि गंगे के काशी क्षेत्र संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि दीपावली पर्व पर लगभग हर घर में श्री गणेश और लक्ष्मी जी की नई मूर्तियों की पूजा होती है लेकिन, पुरानी मूर्ति का क्या होगा ? ज्यादातर लोग मूर्तियों को गंगा में प्रवाहित कर देते हैं। कुछ लोग पेड़ के नीचे रख देते हैं। हमारा लोगों से विनम्र निवेदन है कि एक टब पानी में थोड़ा गंगा जल डाल कर इन मूर्तियों को उसमें रख दें। एक-दो दिन में मूर्ति स्वतः उस में घुल जाएगी। मूर्ति घुले जल को किसी गमले या पेड़ की जड़ में डाल सकते हैं। आपका यह प्रयास मूर्ति का सम्मानजनक विसर्जन तो होगा ही मां गंगा सहित अन्य नदियों को स्वच्छ रखने को उठाया गया सार्थक कदम भी होगा। राजेश शुक्ला ने अपने सहयोगियों के साथ मणिकर्णिका तीर्थ रत्नेश्वर महादेव के सामने गंगा की तलहटी से काफी मात्रा में मूर्ति, ईश्वर की फोटो फ्रेम तस्वीरें, धार्मिक वस्तुएं, पुराने कपड़े निकाल कर सुरक्षित स्थान पर रखा।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दिलीप