ज्ञानवापी मामले में माहौल खराब कर रहे मुस्लिम धर्मगुरु : स्वामी जितेन्द्रानंद
वाराणसी, 15 फरवरी (हि.स.)। अखिल भारतीय संत समिति ने ज्ञानवापी मामले में प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के साथ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और सेन्ट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड की भूमिका पर सवाल उठाया है। समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानन्द सरस्वती ने गुरुवार को आरोप लगाया कि मुस्लिम धर्मगुरु देश का माहौल खराब कर रहे है।
वाराणसी के छोटी गैबी स्थित ब्रह्म निवास में गुरुवार को पत्रकारों से स्वामी जितेन्द्रानंद ने कहा कि ज्ञानवापी मामले में संबंधित न्यायालय, न्यायाधीश, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को व्यक्तिगत निशाना बनाया जा रहा है। ये लोग मिलकर काशी को अस्थिर करने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। पूरे विश्व में गलत सूचनाएं भेजी जा रही हैं। विशेषकर इस्लामिक देशों में यह धारणा बनाने का प्रयास हो रहा है कि भारत में मुसलमानों को दबाया जा रहा है। पिछले दिनों केरल में जमाते इस्लामी हिन्द के लोगों ने पीएफआई और आईएसआईएस के लोगों के साथ बैठक कर षड्यंत्र की रुपरेखा तैयार की है।
जितेन्द्रानंद ने आरोप लगाया कि इस बैठक में अंजुमन इंतजामिया कमेटी के सचिव मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी भी मौजूद रहे। इसके पहले कोलकाता, बरेली और अन्य स्थानों पर लाखों लोग सड़कों पर उतरे थे। उन्होंने कहा कि 31 जनवरी से न्यायालय के आदेश पर ज्ञानवापी के तहखाने में व्यासजी के तलगृह में पूजा प्रारम्भ हुई है। पूजा रुकवाने के लिए प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष हर तरह का षड्यंत्र कर रहे हैं। किसी भी परिस्थिति में अगर पूजा रोकी जाएगी तो फिर वहां पर नमाज को भी रोकना होगा। संवैधानिक अधिकारों का हनन तो हिंदुओं को हुआ था, जब 1993 में बिना किसी लिखित आदेश के ज्ञानवापी तलगृह में पूजा बंद करा दी गई थी। इसके लिए किसी न्यायालय ने कोई आदेश नहीं दिया था। यदि ऐसा कोई आदेश था तो प्रशासन को यह सार्वजनिक कर सच्चाई देश के सामने रखनी चाहिए।
जितेन्द्रानंद ने कहा कि ज्ञानवापी में पहले केवल 100- 200 लोग नमाज पढ़ते थे। यह सूची प्रशासन के पास है। अदालत के आदेश पर जिस समय सर्वे प्रारम्भ हुआ, उस समय से काफी संख्या में बाहरी लोग नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा होने लगे हैं। बाहरी लोगों के आने से माहौल खराब होता है। इसलिए बाहरी लोगों को वहां आने से रोका जाए। उनके परिचय-पत्र की जांच हो। वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी हो। जो लोग भी माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें चिह्नित कर उन पर कानूनी कार्यवाही की जाए। संत समाज भी इस पर अपने तरीके से नजर रखेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/पवन