हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर मुरादाबाद में बंद सफल

 


मुरादाबाद, 17 दिसम्बर (हि.स.)। दि बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी मुरादाबाद के आहवान पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच की मांग को लेकर बुधवार को मुरादाबाद बंद सफल रहा। मुरादाबाद का मुख्य बाजार दोपहर 3 बजे तक बंद रहा। वहीं गली-मोहल्लों और कॉलोनियों में बंद का मिला-जुला असर दिखाई दिया। इस मौके पर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को ज्ञापन भेजा गया।

दि बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी मुरादाबाद के अध्यक्ष आनंद मोहन गुप्ता एडवोकेट ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के करोड़ों नागरिकों को उच्च न्यायालय तक पहुंचने में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिम उत्तर प्रदेश एक अत्यधिक जनसंख्या वाला एवं औद्योगिक कृषि क्षेत्र है। यहां से लाखों वाद हर साल इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दाखिल होते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, अमरोहा, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, संभल आदि जनपदों से वादकारियों एवं अधिवक्ताओं को इलाहाबाद तक लगभग 700-800 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। इससे समय, धन एवं संसाधनों की भारी क्षति होती है। परिणामस्वरूप गरीब, किसान, मजदूर एवं कमजोर वर्ग न्याय से वंचित रह जाते हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश अपराध, औद्योगिक, सेवा एवं भूमि विवादों की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है। वर्तमान परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में वादकारियों को मानव अधिकारों एवं संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन के मामलों में याचिकाएं दाखिल करनी होती हैं। फिर भी यहां उच्च न्यायालय की कोई बेंच नहीं है, जो न्यायिक असंतुलन को दर्शाता है।

दि बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी मुरादाबाद के महासचिव कपिल गुप्ता ने कहा कि हमारी मांग है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक स्थाई बेंच पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी भी जनपद में स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ठोस कदम उठाया जाए। इस विषय में केंद्र सरकार एवं भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय को आवश्यक प्रस्ताव व संस्तुति तत्काल भेजी जाए, बेंच स्थापना के लिए भूमि, भवन एवं आवश्यक आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने की राज्य स्तर पर घोषणा की जाए। बेंच की स्थापना से सामाजिक न्याय, विधिक समानता एवं त्वरित न्याय की संवैधानिक भावना सुदृढ़ होगी। हमें पूर्ण विश्वास है कि संवेदनशील सरकार हमारी इस न्यायोचित एवं जनहितकारी मांग पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल