वैज्ञानिक विधि से मसालों की खेती करने से किसानों को होगा लाभ: डॉ.बलजीत सिंह
कानपुर, 29 अक्टूबर (हि.स.)। वैज्ञानिक विधि से मसालों की खेती अधिक लाभप्रद होती है। लो टनल विधि से सब्जियों की पौध तैयार करने के विधि से खेती करने से लागत कम लगती है और उत्पादन अधिक होता है। यह जानकारी रविवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत आयोजित दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला उद्यान अधिकारी डॉ. बलजीत सिंह ने कही।
उन्होंने कृषकों को जानकारी देते हुए बताया कि उद्यान विभाग में संचालित ड्रिप सिंचाई, मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई एवं पोर्टेबल स्प्रिंकलर तथा साग भाजी की खेती तथा फूलों से संबंधित गेंदा की खेती व प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजन से अधिक लाभ होगा।
केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने लो टनल विधि से सब्जियों की पौध तैयार करने की विधि तथा खेती की लागत कम व उत्पादन अधिक से संबंधित फसलों पर विस्तार से जानकारी दी। केंद्र के प्रभारी डॉक्टर अजय कुमार सिंह द्वारा मसाला फसलों में रोग नियंत्रण की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक विधि से मसालों की खेती अधिक लाभप्रद होती है।
सीएसए के मीडिया प्रभारी एवं मृदा वैज्ञानिक डॉ खलील खान ने बताया कि फल वर्षों में खाद एवं उर्वरक प्रबंधन फूलों की खेती तथा उसके विपणन किसानों को अधिक लाभ होगा। जबकि डॉक्टर निमिषा अवस्थी द्वारा फल एवं सब्जियों के परिरक्षण पर विस्तार से जानकारी दी गई।
डॉ.खान ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत उद्यान विभाग कानपुर देहात के सहयोग से 25-25 कृषकों के समूह में 27 व 28 अक्टूबर को दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। उपनिदेशक उद्यान कानपुर मंडल डॉक्टर बलजीत सिंह की अध्यक्षता में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ।
दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण में कोठारी इरिगेशन प्राइवेट लिमिटेड के इंजीनियर पवन कुमार प्रजापति के द्वारा ड्रिप एवं सिंचाई सिस्टम के लाभ के बारे में जानकारी दी। इस दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण में योजना प्रभारी घनश्याम, रमेश चंद्र कटियार एवं सुरेश कुमार इत्यादि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ राम बहादुर/मोहित