पूर्व मंत्री मोहसिन ने एक बार फिर यूपीसीए पर लगाया गम्भीर आरोप, जारी किया वीडियो

 


—यूपीसीए पर बीसीसीआई से मिले तीन करोड़ रुपये गबन करने का भी आरोप

कानपुर, 28 नवम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री व यूपी हज कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व रणजी क्रिकेटर मोहसिन रजा ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) पर एक बार फिर से वीडियो जारी कर खिलाड़ियों के साथ नाइन्साफी का आरोप दोहराया है। उन्होंने संघ के संचालन को लेकर कई चिंताएं जताई हैं। इसके साथ ही यूपीसीए पर तीन करोड़ रुपये गबन का भी आरोप लगाया है। उनकी यह टिप्पणी राज्य के विभिन्न हिस्सों से मिली कई शिकायतों के जवाब में आई है। यही नहीं उनके वीडियो देखकर कई क्रिकेटरों के अभिवावकों ने उनसे मिलने की गुहार भी लगायी है।

मोहसिन रजा ने गुरुवार को यूपीसीए पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) से वर्ष 2022 में खिलाड़ियों के हितों में क्रिकेट अकादमी बनाए जाने के लिए यूपीसीए को तीन करोड़ रुपए आवन्टित किए गए थे लेकिन वह गबन कर लिए गए। संघ की ओर से न ही कोई अकादमी की स्थापना की गयी और न ही क्रिकेट के विकास पर पैसों को खर्च किया गया। यूपीसीए ने तीन करोड़ का खर्च केवल कागजों पर दिखा दिया। उन्होंने यूपीसीए पर आरोप लगाए कि रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज कार्यालय की मिलीभगत से तीन करोड़ रुपयों के वित्तीय घोटाले किए गये। खिलाड़ियों के हित में खर्च किए जाने वाले धन का दुरुपयोग किया गया।

पूर्व मंत्री ने कहा कि यूपीसीए में 36 जिलों के क्रिकेटर्स को ही अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए प्लेटफार्म प्रदान किया गया। इन जनपदों की एसोसिएशन्स को यूपीसीए ने मान्यता ही दिया जिससे अन्य जनपदों के खिलाड़ियों के पास अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का इन जनपदों के खिलाड़ियों की तरह समान अवसर नहीं है। रजा ने यूपीसीए पर वित्तीय कुप्रबंधन, अनुचित व्यवहार और सरकारी संसाधनों के अनुचित उपयोग सहित कई मुद्दों का आरोप लगाया है। उन्होंने हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर अपनी चिंताओं को साझा किया और मामले की आगे की जांच का अनुरोध किया।

रजा ने वीडियो में कहा कि ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश में अपने बच्चे को क्रिकेट खेलने के लिए प्रतिभा से ज्यादा पैसे की जरुरत है। पूर्व क्रिकेटर ने हाल के वर्षों में यूपीसीए की संरचना में आए बदलावों की ओर भी इशारा किया और इसके मौजूदा प्रबंधन के बारे में चिंता व्यक्त की। आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगने पर पता चला कि यूपीसीए में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। जो संगठन पहले अधिक खुला हुआ था, वह अब निदेशक मंडल के साथ काम करता है। उन्होंने कुछ व्यक्तियों की संलिप्तता पर भी सवाल उठाए। जैसे कि अकरम सैफी, जो कथित तौर पर पूर्व सचिव के करीबी बताए जाते हैं। रजा ने दावा किया कि सैफी क्रिकेट चयन प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे थे, जिसके कारण युवा खिलाड़ियों का कथित तौर पर शोषण किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि युवा क्रिकेटरों को गुमराह करके उन्हें ऐसे अवसर दिए जा रहे हैं जो उनकी योग्यता पर आधारित नहीं है। इसके अलावा रजा ने यूपीसीए के भीतर चयन प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त की, उन्होंने सुझाव दिया कि प्रतिभाशाली युवा क्रिकेटरों को नजरअंदाज किया जा रहा है और प्रभावशाली संपर्क वाले व्यक्तियों द्वारा चुनी गई टीमों के पक्ष में उन्हें चुना जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह देखना निराशाजनक है कि अनुचित प्रथाओं के कारण युवा खिलाड़ियों के भविष्य से समझौता किया जा रहा है। रजा ने यह भी बताया कि यूपीसीए के कई सदस्यों, जिनमें बोर्ड के सदस्य, चयनकर्ता और वर्तमान तथा पूर्व अधिकारी शामिल हैं, के खिलाफ कथित वित्तीय अनियमितताओं के सम्बंध में कई कानूनी मामले दर्ज किए गए हैं। उनका मानना है कि इन कानूनी कार्यवाहियों के बावजूद अभी तक कोई महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं की गई है। परिणामस्वरूप रजा ने आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग की है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यूपीसीए के भीतर जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / अजय सिंह