26 नवंबर को होगा मातृशक्ति सम्मेलन : डॉ. मिथिलेश

 


गोरखपुर, 24 नवम्बर (हि.स.)। नारी राष्ट्र की आधारशिला है। यह समाज की प्रथम स्तम्भ है। एक सशक्त एवं जीवन्त राष्ट्र का निर्माण तभी संभव है, जब उसके दोनों आधार सशक्त एवं सुदृढ़ हों। मातृशक्ति के अधिकारों को संरक्षित करने, उसे सशक्त बनाकर राष्ट्र निर्माण में पुरुष के समानार्थी भूमिका को सुनिश्चित करना ही सच्चे अर्थों में नारी का शक्तिकरण है।

महिला समन्वय गोरखपुर की संयोजिका डॉ मिथिलेश तिवारी ने इसकी जानकारी देते हुए शुक्रवार को कहा कि इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर नारी को उसके विराट रुप का साक्षात्कार कराने के लिए गोरखपुर विभाग ने मातृ-शक्तियों का एक महासंगम 26 नवंबर को कराने का निर्णय लिया है। यह गोरखपुर स्थित बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित होना है।

उन्होंने बताया कि यह एक बौद्धिक सम्मेलन है, जो प्रातः 10 बजे से प्रारम्भ होकर अपरान्ह 02:15 तक चलेगा। इसमें भारतीय चिन्तन में महिला, महिलाओं की स्थानीय समस्या, स्थिति एवं समाधान तथा भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका विषय पर विभिन्न सत्रों में विचार विनिमय होगा।

डॉ. तिवारी ने बताया कि इसमें मुख्य वक्ता के रूप में मीनाक्षी ताई पेशवे, अखिल भारतीय संयोजिका महिला समन्वय का मार्गदर्शन उदघाटन सत्र में प्राप्त होगा। अध्यक्षता श्रीमती शशि प्रभा करेंगी। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. पूनम टंडन, कुलपति दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर होंगी। चर्चा सत्र में चर्चा प्रवर्तक एवं समापन सत्र में मुख्य वक्ता अनघा अरलेकर (अध्यक्ष आरोग्य भारती) का मार्गदर्शन प्राप्त होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. आमोदकांत/राजेश