माता कैकई निंदनीय भी और वंदनीय भी : रमेश भाई ओझा
मुरादाबाद, 3 फरवरी (हि.स.)। मुरादाबाद के खुशहालपुर ब्रेड फैक्ट्री के पास शनिवार को श्री राम कथा अमृत महोत्सव के तीसरे दिन रामकथा के मानस मर्मज्ञ रमेश भाई ओझा ने रामकथा की अमृत वर्षा करते हुए कहा कि माता कैकई निंदनीय है या वंदनीय हैं। यदि हम अपनी आंखों से देखेंगे तो माता कैकई निंदनीय है और प्रभु श्री राम की आंखों से देखेंगे तो वह वंदनीय हैं क्योंकि राम जी की माता कौशल्या हैं। वह उनकी जननी है परंतु राजा राम की माता के कैकई हैं क्योंकि उन्हीं की वजह से राम राजा बने।
रमेश भाई ओझा ने आगे कहा कि विश्व में जितने भी धर्म हैं यदि हम उनको धर्म मानते हैं तो धर्म की व्याख्या में सभी लोग फिट नहीं बैठते हैं हमारे यहां धर्म की बहुत विशाल परिभाषा दी गई है । केवल एक उपासना पद्धति को धर्म नहीं कह सकते हैं। दुनिया में दो प्रकार के अनुयाई है जैसे बुद्धिजम और जैनिजम उसमें ईश्वर को मानते ही नहीं है परंतु जैनिजम में आत्मा को स्वीकार किया गया हैं। बुद्धिजम में तो ईश्वर के साथ आत्मा को भी नहीं मानते हैं और कहते हैं कि आत्मा जैसी चीज है ही नहीं, ऐसा उनका मानना है।
एडीजे द्वितीय पुनीत कुमार गुप्ता एवं उनकी धर्मपत्नी सुनीता, जिला जज कमर्शियल कोर्ट अंगद प्रसाद, आचार्य संत देव आनंद श्री धाम वृंदावन और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित जगदीश प्रसाद कोठरी, राजीव रस्तोगी रहे।
इस अवसर पर मुरादाबाद के महापौर विनोद अग्रवाल, निर्यातक विनीत कुमार लोहिया, विभोर कुमार लोहिया, विपिन कुमार लोहिया एवं समस्त लोहिया परिवार एवं राम कथामृत महोत्सव समिति के अध्यक्ष महेश चंद्र अग्रवाल महामंत्री प्रवीण कुमार कोषाध्यक्ष अंकुर अग्रवाल, अवधेश लोहिया, राम रतन शर्मा, श्याम सुंदर गौड, अजय नारंग, जयदेव यादव, शुभम भारद्वाज आदि रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/निमित जायसवाल/बृजनंदन