मैस्टाइटिस डिटेक्शन तकनीक डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता में ला सकती है सुधार: प्रो.मणीन्द्र अग्रवाल
कानपुर,27 जून (हि.स.)। आईआईटी कानपुर व्यावहारिक तकनीक बनाने के लिए समर्पित है जो बड़े पैमाने पर समाज को लाभ पहुंचाती है, और मेरा मानना है कि हमारी मैस्टाइटिस डिटेक्शन तकनीक कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित कर सकती है। किसानों की आजीविका और डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार कर सकती है। यह बात गुरूवार को प्रॉम्प्ट इक्विप्मेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को एक तकनीक देने के बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के निदेशक प्रो.मणीन्द्र अग्रवाल ने कही।
उन्होंने कहा कि हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि हमारी तकनीक को प्रॉम्प्ट इक्विपमेंट प्राइवेट लिमिटेड जैसी अग्रणी कंपनी ने अपनाया है, जो इसका व्यापक प्रभाव सुनिश्चित करेगा। मैं प्रो. सिद्धार्थ पांडा और इस क्रांतिकारी विकास में शामिल टीम को बधाई देता हूं। वेटरनरी डायग्नोस्टिक मार्केट में वरीयताओं को संबोधित करते हुए, स्ट्रिप में बढ़ी हुई संवेदनशीलता और विशिष्टता के लिए दोहरे सोने के नैनो कण-आधारित पार्श्व प्रवाह इम्यूनो से (एलएफआईए) की सुविधा है, जो तेजी से परिणाम और उपयोगकर्ता के अनुकूल परीक्षण प्रदान करता है। पारंपरिक तकनीकों के विपरीत, वर्तमान आविष्कार अलग-अलग मौसम की स्थिति और अपेक्षाकृत कम विनिर्माण लागतों में दीर्घकालिक स्थिरता भी प्रदर्शित करता है।
आईआईटी कानपुर में अनुसंधान एवं विकास के डीन प्रो. तरुण गुप्ता ने कहा डेयरी मवेशियों के स्वास्थ्य और उत्पादकता को बनाए रखने के लिए मस्टाइटिस का समय पर पता लगाना महत्वपूर्ण है। हमारी तकनीक किसानों को एक त्वरित, विश्वसनीय और लागत प्रभावी समाधान प्रदान करती है, जिससे आर्थिक नुकसान को कम करने और स्तनदाह के गंभीर मामलों की व्यापकता को कम करने के लिए त्वरित कार्रवाई संभव हो पाती है, जिससे समग्र दूध की गुणवत्ता और उपज में सुधार होता है।
इस महत्वपूर्ण सहयोग के माध्यम से, आईआईटी कानपुर और प्रॉम्प्ट इक्विप्मेंट्स प्राइवेट लिमिटेड का लक्ष्य डेयरी क्षेत्र में पशु कल्याण और आर्थिक स्थिरता दोनों को बढ़ाने के लिए नवाचार करना है। इस तकनीक को भारतीय पेटेंट कार्यालय द्वारा भारतीय पेटेंट संख्या 455232 प्रदान किया गया है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर ने पशु स्वास्थ्य में एक महत्वपूर्ण तकनीक लॉन्च की है, जिसका नाम है 'लेटरल फ्लो इम्यूनो से स्ट्रिप एंड मेथड फॉर डिटेक्शन ऑफ मैस्टाइटिस इन बोवाइनस्', जिसे आईआईटी (आईआईटी) कानपुर के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग और नेशनल सेंटर फॉर फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स (NCFlexE) के प्रो. सिद्धार्थ पांडा और NCFlexE, आईआईटी कानपुर (आईआईटीके) में एससीडीटी के वरिष्ठ परियोजना वैज्ञानिक डॉ. सत्येंद्र कुमार ने विकसित किया है। इस अभिनव तकनीक का उद्देश्य डेयरी मवेशियों में मैस्टाइटिस का पता लगाने में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। इसके व्यापक रूप से अपनाए जाने की सुविधा के लिए, आईआईटी कानपुर ने प्रॉम्प्ट इक्विपमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया हैं, जो देश भर में 70,000 से अधिक गांवों में काम करने वाली एक प्रमुख डेयरी प्रौद्योगिकी कंपनी है।
समझौता ज्ञापन समारोह में आईआईटी के अनुसंधान एवं विकास के डीन प्रोफेसर तरुण गुप्ता, आईआईटीके के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग और एनसीफ्लेक्सई (NCFlexE) के प्रोफेसर सिद्धार्थ पांडा (आविष्कारक), प्रॉम्प्ट इक्विपमेंट्स के लाइसेंसधारी एवं अध्यक्ष श्रीधर मेहता और चिराग त्रिवेदी सहित कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/ राम बहादुर/मोहित