माघ मेला : दस वर्ष से 465 संस्थाओं की वरासत दर्ज नहीं
--वरासत के लम्बित मामलों को शीघ्र दर्ज किया जाएगा : दयानन्द
--माघ व कुम्भ मेला के दौरान जमीन सुविधा को लेकर होता है बवाल
प्रयागराज, 03 नवम्बर (हि.स.)। माघ मेला और कुम्भ मेला के दौरान 465 संस्थाओं की वरासत 10 वर्ष से दर्ज नहीं हो रही है। इससे परेशान संस्था के लोग माघ मेला कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। माघ मेला के प्रभारी अधिकारी दयानन्द प्रसाद का कहना है कि वरासत के जो भी मामले लम्बित हैं उनको शीघ्र दर्ज किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि, माघ मेला के दौरान करीब चार हजार और कुम्भ मेला के दौरान आठ हजार से अधिक संस्थाओं का शिविर मेला क्षेत्र में लगता है। इन संस्थाओं के शिविर में माघ और कुम्भ मेला के दौरान अपने शिविर में कथा, प्रवचन, सत्संग, हवन, रासलीला, विशाल अन्नक्षेत्र और सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रम माह भर होते हैं। इन संस्थाओं के 465 लोगों का निधन-ब्रह्मलीन हो गये हैं। संस्था का वरासत दर्ज कराने के लिए सभी प्रपत्र माघ मेला कार्यालय में कई वर्ष से जमा है। लेकिन मेला प्रशासन के अफसरों की लापरवाही से संस्थाओं के वरासत अभी तक दर्ज नहीं हुए हैं, जिससे संस्था के लोग परेशान हैं और मेला कार्यालय का दिन-रात चक्कर लगा रहे हैं।
माघ मेला कार्यालय में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी माधवदास महराज, ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी कपिलदेव नागा, महामंडलेश्वर स्वामी बुलट दास महाराज चित्रकूट सहित अन्य प्रमुख संस्था के वरासत दर्ज होना है, लेकिन माघ मेला के अफसरों की लापरवाही से वरासत दर्ज नहीं हो रही है। इससे आये दिन विवाद की स्थिति बनी रहती है।
महाकुम्भ 2025 के मेलाधिकारी विजय किरन आनंद का कहना है कि वरासत सहित अन्य समस्याओं का शीघ्र निस्तारण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि महाकुम्भ की सभी जानकारियां, जमीन आवंटन, सुविधा पर्ची, सभी सेक्टरों के संस्थाओं का पूरा विवरण और मूलभूत सुविधाओं का विवरण अब ऑनलाइन रहेगा, जिससे लोगों को परेशानी न होने पाये।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/पदुम नारायण