लोस चुनाव : भाजपा ने उम्मीदवार तो बदले, लेकिन जाति का रखा ख्याल

 


लखनऊ, 13 अप्रैल (हि.स.)। अब तक जारी सूची में भाजपा ने अपने 13 सासंदों का टिकट काट दिया है। इसके बावजूद जहां भी टिकट काटा गया है, वहां जाति विशेष का ध्यान रखा गया है। अधिकांश जगहों पर टिकट बदले गये, लेकिन उसी बिरादरी के दूसरे को टिकट दिया गया, जिससे बिारादरी का कहीं भी विरोध न झेलना पड़े।

बरेली से आठ बार चुनाव जीत चुके संतोष गंगवार का टिकट भाजपा ने काटा तो उनकी ही बिरादी के छत्रपाल गंगवार को टिकट पकड़ा दिया। वैसे, संतोष गंगवार की उम्मीदवारी इस बार के चुनाव में शुरू से ही सवालों में थी। सबसे बड़ी बाधा उनकी उम्र 75 वर्ष होना थी। केंद्र में मंत्री पद जाने के बाद टिकट कटने की आशंका और मजबूत हो गई थी।

वहीं गाजीपुर से भाजपा ने वर्तमान में एलजी मनोज सिन्हा को टिकट नहीं मिला। वहां उन्हीं के नजदीकी और उन्हीं के बिरादरी के पारस नाथ राय को टिकट दिया गया। पारस नाथ राय एक शिक्षक होने के साथ ही संघ परिवार से जुड़े हुए हैं। उनका भाजपा में भी कोई विरोधी नहीं है। पिछली बार मनोज सिन्हा गाजीपुर से अफजाल अंसारी से चुनाव हार गये थे। अफजाल पिछली बार बसपा से थे। इस बार सपा से उम्मीदवार है। वहीं पारस नाथ राय के लड़के भी लक्ष्मी कांत वाजपेयी के समय में भाजयुमो के अध्यक्ष रह चुके हैं।

प्रयागराज से रीता बहुगुणा जोशी के बदले नीरज त्रिपाठी चुनाव लड़ेंगे। वे यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी के बेटे हैं। नीरज कभी सक्रिय राजनीति में नहीं रहे। इसके बावजूद वे प्रयागराज में चर्चित चेहरा हैं और उन्हें अधिकांश लोग जानते हैं। वर्तमान में वह यूपी के एडीशनल एडवोकेट जनरल हैं। यहां भाजपा ने ब्राह्मण के बदले ब्राह्मण उम्मीदवार उतारा है, जबकि कांग्रेस ने अभी तक अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है।

बलिया से बीजेपी ने सासंद वीरेन्द्र सिंह मस्त का टिकट काटकर उन्हीं के बिरादरी के राज्यसभा सांसद और चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को टिकट दिया है। वे भी ठाकुर बिरादरी से ही आते हैं। वे पिछले लोकसभा चुनाव से पूर्व अखिलेश यादव का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे। वहीं कानपुर से सत्यदेव पचौरी का टिकट काटने के बाद वहां से भी ब्राह्मण चेहरा रमेश अवस्थी पर दांव लगाया है। रमेश अवस्थी की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। वे अब तक पत्रकारिता से जुड़े रहे। भाजपा यह मानकर चल रही है कि राजनीतिक पृष्ठभूमि न होने के कारण उनका वहां के कार्यकर्ताओं में कोई विरोध नहीं होगा।

फूलपुर से इस बार बीजेपी ने केसरी पटेल के बदले प्रवीण पटेल को टिकट दिया है। दोनों कुर्मी बिरादरी से हैं। प्रवीण पटेल अभी बीजेपी के विधायक हैं। कौशांबी से बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद विनोद सोनकर पर दांव खेला है। वे लगातार दो बार यहाँ से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। इसी तरह बदायूं से संघमित्रा मौर्य का टिकट काटकर भाजपा ने दुर्गविजय सिंह शाक्य को टिकट दिया है। मेरठ से राजेन्द्र अग्रवाल का टिकट काटकर भाजपा ने धारावाहिक के राम अरूण गोविल को टिकट दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/बृजनंदन