पृथ्वी के प्रथम न्यायाधीश प्रभु चित्रगुप्त महाराज : पवन श्रीवास्तव

 


प्रयागराज, 15 नवम्बर (हि.स.)। प्रभु चित्रगुप्त महाराज धरती के प्रथम न्यायाधीश हैं और सभी के अच्छे एवं बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। जिससे उस मानव को स्वर्ग या नरक की प्राप्ति होती है।

यह बातें कायस्थ संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पार्षद पवन श्रीवास्तव ने सभी उपस्थित कार्यकर्ताओं एवं कायस्थ बंधुओ को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कायस्थ समाज को शिक्षित समाज बताते हुए कहा कि शिक्षा सदैव सुख शांति सम्मान एवं समृद्धि का महत्वपूर्ण मार्ग है। उन्होंने सभी उपस्थित जन से आग्रह करते हुए अपने अनुज को अच्छी शिक्षा एवं संस्कार देने की बात कही। उन्होंने बताया कि जिन प्रभु की कृपा से कायस्थ समाज जाना एवं पहचाना जाता है एवं सभी के कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज प्रत्येक वर्ष की भांति कार्तिक पक्ष के द्वितीया तिथि को पूरे मनोयोग एवं धूमधाम से पूजे गए।

इसके पूर्व कायस्थ संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन श्रीवास्तव के नेतृत्व में संघ के कार्यकर्ता एवं कायस्थ बंधुओ ने प्रभु चित्रगुप्त एवं कलम दवात की पूजा कर चित्रगुप्त की आरती उतारी। उक्त अवसर पर महानगर अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव, आलोक श्रीवास्तव, रवि श्रीवास्तव, दादा शुभेंदु श्रीवास्तव, कुशाग्र श्रीवास्तव, फागुनी श्रीवास्तव, शाहिद सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/पदुम नारायण