उप्र में विपक्ष की गठबंधन राजनीति के बावजूद भाजपा सबसे बड़ी ताकत
लखनऊ, 09 जून (हि.स.)। लोकसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी को यूपी में झटका लगा है। उसकी सीटें 62 से घटकर 33 हो गई। प्रदेश की सियासत में समाजवादी पार्टी 37 सीटों के साथ बड़ी ताकत बनकर उभरी है। सपा-कांग्रेस ने गठबंधन में ये चुनाव लड़ा। पिछले दो चुनाव में गठबंधन के राजनीति से बीजेपी को नुकसान पहुंचा है। हालांकि जमीनी हकीकत यह भी है कि विपक्षी गठबंधन के तमाम प्रयोगों के बाद भी बीजेपी पर निर्णायक बढ़त हासिल करने में नाकाम रहा। पिछले एक दशक में प्रदेश की राजनीति में बीजेपी बढ़ी ताकत बनकर उभरी है। लोकसभा चुनाव में मिली जीत से विपक्षी खेमे में खुशी की लहर है,लेकिन बीजेपी अकेले अपने दम पर उप्र में सबसे बड़ी ताकत है। इस सच्चाई से विपक्ष मुंह नहीं मोड़ सकता।
2014 में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत
16वीं लोकसभा के चुनाव में देशभर में चली मोदी लहर में विपक्ष हवा में उड़ गया। यूपी में 80 में से 71 सीटें बीजेपी ने जीती। दो सीटें एनडीए में शामिल अपना दल सोनेलाल के खाते में गई। विपक्ष सात सीटों पर सिमट गया। पांच सीटें सपा और दो कांग्रेस को मिली। बसपा और रालोद का तो खाता ही नहीं खुला। इस चुनाव में बीजेपी ने 71 सीटें जीती। बीजेपी को 3,43,18,854 (42.63 प्रतिशत) वोट मिले। सपा को 1,79,88,967 (22.35 प्रतिशत) वोट मिले, उसके खाते में 5 सीटें जीती। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी की सीट जीती। उसके खाते में 60,61,267 (7.53 प्रतिशत) वोट आए। बसपा को 1,59,14,194 (19.77 प्रतिशत) वोट मिले, लेकिन उसका खाता नहीं खुला।
2019 में बीजेपी की सीटें घटी, वोट शेयर बढ़ा
17वीं लोकसभा के लिए 2019 में चुनाव में सपा-बसपा-रालोद का गठबंधन था। धुर विरोधी सपा-बसपा गठबंधन के बाद ये माना जा रहा था कि बीजेपी को बड़ा नुकसान होगा। इस चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन ने बीजेपी को नुकसान तो पहुंचाया लेकिन जितना सोचा जा रहा था, वैसा हो नहीं पाया। बीजेपी की सीटें घटकर 62 हो गई। हालांकि उसके वोट बैंक में करीब 7 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई। बीजेपी को 4,28,58,191 (49.56 प्रतिशत) वोट मिले। सपा के खाते में 5 सीटें आई। सपा को 1,55,33,620 (18.11 प्रतिशत) वोट मिले। बसपा के हिस्से में 10 सीटें आई। बसपा को 1,66,59,754 (19.26 प्रतिशत) वोट हासिल हुए। कांग्रेस इस चुनाव में अकेले मैदान में थी। उसके हिस्से में सिर्फ 1 सीट आई। कांग्रेस को 54,57,352 (6.36 प्रतिशत) वोट मिले।
2024 में बीजेपी का लगा झटका
18वीं लोकसभा के चुनाव में प्रदेश में सपा-कांग्रेस का गठबंधन था। सपा ने 37 और कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की। चुनाव नतीजों में बीजेपी के हिस्से में 33 सीटें आई। उसे 3,62,67,072(41.37 प्रतिशत) वोट मिले। सपा को 2,94,51,786 (33.59 प्रतिशत) और कांग्रेस को 82,94,318 (9.46 प्रतिशत) वोट मिले। बसपा के वोट बैंक में करीब दस फीसदी की गिरावट आई। उसे 82,33,453 (9.39 प्रतिशत) वोट मिले। बसपा का इस चुनाव में खाता नहीं खुला।
2017 के विधानसभा चुनाव फ्लाप रहा सपा-कांग्रेस गठबंधन
2017 के विधानसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस का गठबंधन था। इस चुनाव में सपा 47 सीटों पर सिमटकर सत्ता से बाहर हो गई। सपा को 1,89,23,769 (21.82 प्रतिशत) वोट मिले। कांग्रेस के हिस्से में 7 सीटें आई। उसे 54,16,540 (6.25 प्रतिशत) वोट मिले। इस चुनाव में दो लड़कों की जोड़ी पूरी तरह फ्लाप हुई। बीजेपी ने 312 सीटें जीती। उसे 3,44,03,299 (39.67 प्रतिशत) वोट मिले। बसपा 19 सीटों पर जीती। बसपा को 1,92,81,340 (22.23 प्रतिशत) वोट मिले।
2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की दोबारा वापसी
2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने योगी के नेतृत्व में दूसरी बार वापसी की। बीजेपी को 255 सीटें मिली। बीजेपी को 3,80,51,721 (41.29 प्रतिशत) वोट मिले। इस चुनाव में सपा-रालोद का गठबंधन था। सपा को 111 और रालोद को 8 सीटें मिली। सपा को 2,95,43,934 (32.06 प्रतिशत) वोट मिले। रालोद को 2630168 (2.85 प्रतिशत) वोट मिले। कांग्रेस 2 सीटों पर सिमट गई। उसे 21,51,234 (2.33 प्रतिशत) वोट मिले। बसपा 11873137 (12.88 प्रतिशत) वोट के साथ एक सीट पर सिमट गई।
गठबंधन का गणित और बीजेपी का प्रदर्शन
2017 के विधानसभा चुनाव सपा-कांग्रेस ने मिलकर 28.07 फीसदी वोट हासिल किया। और कुल 54 सीटें जीती। इस चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीती और उसका वोट शेयर 39.67 फीसदी रहा।
2019 के लोकसभा चुनाव में धुर विरोधी सपा-बसपा-रालोद का गठबंधन हुआ। तीनों ने मिलकर 15 सीटें जीती। सपा-बसपा-रालोद का वोट शेयर 39.06 फीसदी रहा। बीजेपी ने 62 सीटें जीती और उसका वोट शेयर 49.56 फीसदी रहा।
2022 के विधानसभा चुनाव में सपा-रालोद का गठबंधन था। सपा-रालोद गठबंधन ने 119 सीटें जीती। दोनों का कुल 34.91 फीसदी वोट मिले। बीजेपी ने 255 सीटें जीती। उसका वोट शेयर 41.29 फीसदी रहा।
2024 के आम चुनाव में कांग्रेस सपा ने 43 सीटें जीती। इंडी गठबंधन का वोट शेयर 43.05 फीसदी रहा। बीजेपी ने 33 सीटें जीती। उसका वोट शेयर 41.37 फीसदी रहा। इस चुनाव में एनडीए में शामिल रालोद ने दो और अपना दल ने एक सीट जीती है। वहीं सुभासपा ओर निषाद पार्टी सीट भले ही न जीत पाए हों लेकिन उन्होंने ठीकठाक वोट बटोरे हैं। बीजेपी के वोट शेयर में अगर सहयोगी दलों का वोट जोड़ दिया जाए तो ये सपा-कांग्रेस गठबंधन को पार कर जाएगा।
राजनीतिक विशलेषक विनय मिश्र के अनुसार, प्रदेश में हुए पिछले चार चुनाव में विपक्ष संभावित गठबंधन करके देख चुका है। बावजूद इसके बीजेपी अकेले सबसे बड़ा दल के तौर पर कायम है।अगले कुछ महीनों में विधानसभा की सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी और इंडी गठबंधन का लिटमस टेस्ट होगा।
हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.आशीष वशिष्ठ/राजेश