लोस चुनाव : बदायूं में 1996 में थे सबसे अधिक 40 प्रत्याशी, जीते थे सलीम शेरवानी

 


बदायूं, 05 मई (हि.स.)। बदायूं लोकसभा क्षेत्र में 1996 के आम चुनाव में सबसे ज्यादा 40 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे पर सबसे कम तीन-तीन उम्मीदवार 1952, 1957 और 1977 में रहे। दो उम्मीदवार कभी नहीं रहे। उल्लेखनीय है कि तीसरे चरण के चुनाव में बदायूं में 7 मई को मतदान होगा।

67 वर्षों में 166 ने आजमाई किस्मत

बदायूं लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1952 को हुआ। पहले चुनाव से अब तक हुए 17 संसदीय चुनाव में कुल 166 लोगों ने अपनी किस्मत आजमाई। 17 चुनाव में 3 बार तीन प्रत्याशी मैदान में उतरे। दो बार 5, दो बार 7, एक बार 8, चार बार 9, एक बार 10, एक बार 11, एक बार 15 प्रत्याशी मैदान में उतरे। खास बात यह है कि कुल 166 में अब तक सिर्फ 9 महिलाएं ही मैदान में उतरी। इस सीट के संसदीय इतिहास में 2019 के आम चुनाव में पहली बार महिला सांसद निर्वाचित हुई।

पहले आम चुनाव में तीन प्रत्याशी

1952 के पहले आम चुनाव में इस सीट पर तीन प्रत्याशी मैदान में थे। जिनमें एक निर्दलीय था। जीत कांग्रेस प्रत्याशी बदन सिंह के हाथ लगी। निर्दलीय प्रत्याशी नरेन्द्र सिंह दूसरे नंबर पर रहे। 1957 के चुनाव मैदान में उतरे तीन महारथियों में कांग्रेस, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी थे। जीत का सेहरा कांग्रेस के रघुबीर सहाय के माथे बंधा। 1977 के चुनाव में इस सीट को जीतने के लिए तीन प्रत्याशी मैदान में उतरे। कांग्रेस विरोधी प्रचंड लहर में भारतीय लोकदल के ओंकार सिंह 68.05 फीसदी वोट पाकर दिल्ली पहुंचे।

1996 के चुनाव मैदान में थे 40 प्रत्याशी

11वीं लोकसभा के 1996 में हुए चुनाव में बदायूं सीट से 40 प्रत्याशी मैदान में थे। कुल 5 लाख, 28 हजार, 41 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। समाजवादी पार्टी प्रत्याशी सलीम इकबाल शेरवानी 37.5 फीसदी मत पाकर कुर्सी कब्जा जमाया था। बहुजन समाज पार्टी के ब्रजपाल सिंह 28.95 फीसदी मतों के दूसरे स्थान पर रहे। वहीं भाजपा के प्रेमपाल सिंह तीसरे, कांग्रेस उम्मीदवार प्रवीन आजाद चौथे और आल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) प्रत्याशी शशि लता चौहान पांचवें स्थान पर रही। कुल 40 में से 33 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में थे।

पिछले दो चुनाव का हाल

2014 के आम चुनाव में 15 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें तीन निर्दलीय प्रत्याशी थे। सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव 48.50 फीसदी वोट पाकर विजयी रहे। भाजपा के वागीश पाठक 32.31 फीसदी मतों के साथ रनर रहे।

2019 के चुनाव में कुल 9 प्रत्याशियों में 4 निर्दलीय थे। कुल 10 लाख 81 हजार 111 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। भाजपा प्रत्याशी डॉ. संघप्रिया गौतम ने 47.28 फीसदी वोट शेयर के साथ यहां कमल का फूल खिलाया। दूसरे स्थान पर रहे सपा के धर्मेन्द्र यादव के खाते में 45.58 फीसदी वोट आए। इस चुनाव में 4 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में थे।

कब कितने रहे उम्मीदवार

1952-03

1957-03

1962-05

1967-07

1971-07

1977-03

1980-05

1984-11

1989-09

1991-13

1996-40

1998-08

1999-09

2004-09

2009-10

2014-15

2019-09

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. आशीष वशिष्ठ/राजेश