लोस चुनाव : 1980 के बाद अमरोहा से कोई लगातार दोबारा नहीं बना सांसद

 


मेरठ, 06 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अमरोहा लोकसभा सीट पर चुनाव जीतना भाजपा के लिए हमेशा से ही कठिन रहा है। इस सीट पर भाजपा को तीन बार जीत नसीब हुई है। इस सीट का रोचक पहलू यह है कि 1980 के बाद कोई भी नेता लगातार दो बार अमरोहा से चुनाव नहीं जीता है। 2024 के चुनाव में कांग्रेस के दानिश अली के सामने इस मिथक को तोड़ने की चुनौती है।

मुरादाबाद मंडल के अंतर्गत आने वाली अमरोहा लोकसभा क्षेत्र की गिनती पश्चिमी उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण सीट में होती है। इस सीट से कांग्रेस,सपा,बसपा,भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। 1957 और 1962 में हुए चुनाव में कांग्रेस के हिफजुल रहमान चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे तो 1967 और 197 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के इशहाक संभली ने चुनाव जीता। 1977 में भारतीय लोकदल और 1980 में जनता पार्टी सेक्युलर के टिकट पर चंद्रपाल सिंह ने लगातार दो चुनाव जीते। इसके बाद से अमरोहा के मतदाताओं ने दो बार लगातार कोई सांसद नहीं चुना। प्रत्येक चुनाव में यहां के मतदाता अपना जनप्रतिनिधि बदल देते हैं।

1984 में कांग्रेस के रामपाल सिंह चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे। इसके बाद कांग्रेस भी अमरोहा में जीत के लिए तरस रही है। कांग्रेस के पास इस बार सपा गठबंधन से फिर से चुनाव जीतने का अवसर है। कांग्रेस ने बसपा से निलंबित सांसद कुंवर दानिश अली को चुनाव मैदान में उतारा है। 1989 में जनता दल के हरगोविंद को अमरोहा की जनता ने अपना जनप्रतिनिधि चुनाव। 1991 में इस सीट पर पहली बार कमल खिला और पूर्व क्रिकेटर भाजपा के चेतन चौहान सांसद बने। 1996 में समाजवादी पार्टी के प्रताप सिंह ने जीत हासिल करके सपा का खाता खोला। 1998 में भाजपा के चेतन चौहान ने फिर से जीत दर्ज की। 1999 में बसपा के राशिद अल्वी को मतदाताओं ने जीत का ताज पहनाया।

2004 में सभी दलों को पछाड़कर निर्दलीय हरीश नागपाल सांसद बनने में कामयाब रहे। 2009 में हरीश नागपाल के भाई देवेंद्र नागपाल रालोद-भाजपा गठबंधन से सांसद चुने गए। 2014 में मोदी लहर पर सवार होकर भाजपा के कंवर सिंह तंवर ने कमल का फूल खिलाया। 2019 में कंवर सिंह तंवर को बसपा के कुंवर दानिश अली से परास्त हो गए। 2024 में कुंवर दानिश इस बार कांग्रेस-सपा गठबंधन से अमरोहा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने 1980 से चल आ रहे मिथक को तोड़कर लगातार दूसरी बार सांसद बनने की चुनौती है। इस चुनौती को भाजपा के कंवर सिंह तंवर और बसपा के मुसाहिद हुसैन तोड़ने की जुगत में लगे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.कुलदीप/राजेश