लोहिया संस्थान ने पूरा किया रीनल ट्रांसप्लांट में दोहरा शतक

 


लखनऊ, 08 अगस्त (हि.स.)। डाॅ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में किडनी ट्रांसप्लांट प्रोग्राम करीब 7 साल पहले शुरू किया गया था। हर साल करीब 35-40 ट्रांसप्लांट (लाइव डोनेशन) किए जाते हैं। ये ट्रांसप्लांट 1 साल में 95% और 5 साल में 85% की सफलता दर के साथ किए जा रहे हैं।

रायबरेली की रहने वाली मां ने अपनी बेटी को अपनी बाईं किडनी दान की। किडनी को लेप्रोस्कोपिक तरीके से निकाला गया और ऑपरेशन करीब 4 घंटे तक चला। डोनर और प्राप्तकर्ता दोनों फिलहाल स्वस्थ हैं। एसजीपीजीआई के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला आरएमएल सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा संस्थान है। ज्यादातर ट्रांसप्लांट बीपीएल और आयुष्मान योजना का उपयोग करके आर्थिक रूप से वंचित आबादी में किए गए हैं।

इस अवसर पर निदेशक, प्रो. (डॉ.) सी.एम. सिंह ने ट्रांसप्लांट यूनिट की पूरी टीम को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी।

प्रत्यारोपण टीम में नेफ्रोलॉजी से विभागाध्यक्ष प्रो. अभिलाष चंद्र, प्रो. नम्रता राव, प्रो. मजीबुल्लाह अंसारी, यूरोलॉजी से विभागाध्यक्ष प्रो. ईश्वर राम दयाल, प्रो. आलोक श्रीवास्तव, प्रो. संजीत कुमार सिंह, डॉ. प्रशांत, डॉ. दिनेश राहर अैर डॉ. अंकुश सदोत्रा शामिल रहे।

इसी प्रकार एनेस्थीसिया से प्रो. पी.के. दास, डॉ. शिल्पी मिश्रा ओटी स्टाफ -बलवत लक्ष्मीकांत व आमिर शामिल रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन यादव / दिलीप शुक्ला