वाराणसी में हृदयाघात रोगी का फिर थ्रंबोलाइज्ड प्रक्रिया से बचाई गई जान

 


वाराणसी,17 जनवरी (हि.स.)। स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीएमआर के संयुक्त पहल पर योजनाबद्ध तरीके से हार्ट अटैक से होने वाली मौत से बचाव की तैयारी एक व्यक्ति के लिए फिर वरदान सरीखी रही।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि 82 वर्षीय सोनारपुरा निवासी एक व्यक्ति के सीने में तेज दर्द होने पर परिजन भेलूपुर स्थित स्वामी विवेकानन्द मेमोरियल राजकीय चिकित्सालय में उपचार के लिए लाए। चिकित्सालय के अधीक्षक व फिजिशयन डॉ क्षितिज तिवारी, डॉ रोहित कुमार सोनी, पैरामेडिकल चिकित्सा कर्मियों के द्वारा तत्काल ईसीजी करके रोगी के स्थिति के बारे में संपूर्ण जानकारी की गई। इसके बाद विंडो पीरियड के अंतर्गत ही रोगी को थ्रंबोलाइज्ड कर जान बचाई गई।

सीएमओ ने बताया कि अब तक जनपद में विभिन्न चिकित्सालय व सीएचसी में संचालित हार्ट अटैक सेंटर पर आए पांच रोगियों की जान बचाई जा चुकी है । जिसमें से तीन रोगियों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय पांडेयपुर, एक रोगी को श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय तथा एक रोगी को एसवीएम राजकीय चिकित्सालय भेलूपुर में ठीक किया गया है।

उन्होंने ने बताया कि थ्रांबोलिसिस थेरेपी के अंतर्गत एक विशेष प्रकार का इंजेक्शन लगाकर मरीज के नसों में रक्त के अवरुद्ध प्रवाह को दूर करने की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है। हार्ट अटैक आने या मरीज में हृदयाघात की समस्या दिखाई देने पर उसे थ्रंबोलाइसिस थेरेपी दी जाती है, इससे मरीज ठीक हो जाता है। आवश्यकता पड़ने पर इससे मरीज को समय मिल जाता है तथा मरीज नजदीकी बड़े केंद्र पर जाकर आवश्यकतानुसार एंजियोप्लास्टी या अन्य जरूरी उपचार करा सकता है।

सीएमओ ने बताया कि जनपद में हृदयाघात परियोजना को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रो धर्मेंद्र जैन के सहयोग से चलाया जा रहा है। बीएचयू ‘हब’ एवं जनपद के राजकीय चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ‘स्पोक’ के रूप में कार्य कर रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश